मध्य प्रदेश की 28 विधानसभा सीटों के लिए 3 नवंबर को उपचुनाव होना है. ऐसे में सभी राजनीतिक पार्टियों के बीच सियासी वार शुरू हो गया है. इस उपचुनाव में अपनी जीत हासिल करने के लिए बीजेपी और कांग्रेस दोनों जमकर चुनावी जन-सभाएं कर रही हैं. एमपी में सत्ताधारी बीजेपी और विपक्षी पार्टी कांग्रेस दोनों के लिए ये उपचुनाव काफी महत्वपूर्ण है. उपचुनाव से पहले हम बात करेंगे अनूपपुर विधानसभा सीट के बारे में.
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जानें अनूपपुर सीट के बारे में-
अनूपपुर सीट पर आदिवासी अनुसूचित जनजाति मतदाताओं की मजबूत पकड़ हैं. अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित अनूपपुर विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में खाद्य नागरिक, आपूर्ति व उपभोक्ता संरक्षण मंत्री बिसाहूलाल सिंह बीजेपी के प्रत्याशी होंगे. पिछले चुनाव में वो कांग्रेस के टिकट पर जीते थे. वहीं कांग्रेस ने अनूपपुर सीट से विश्वनाथ सिंह कुंजाम को उम्मीदवार घोषित किया है. इस सीट पर आदिवासी मतदाताओं की संख्या करीब 25 हजार से ज्यादा बताई जा रही है.
साल 2018 के चुनाव में बिसाहूलाल को 62770 वोट मिले थे, जबकि रामलाल रौतेल को 51209 प्राप्त हुए थे. 2013 के चुनावों में रामलाल रौतेल को 57438 वोट हासिल हुए थे और बिसाहूलाल को 45693 वोट मिले थे. साल 2008 में बिसाहुलाल को 39814 वोट मिले थे और रामलाल रौतेल को 38665 वोट प्राप्त हुए थे. वहीम 2003 में रामलाल रौतेल को 47926 और बिसाहूलाल को 43079 वोट हासिल हुए थे.
साल 2018 में कुल आठ उम्मीदवारों में कांग्रेस और बीजेपी के बीच ही जंग थी. नोटा में 2730 वोट मिले थे, लेकिन बाकी किसी दल के उम्मीदवार को दो हजार मत भी नहीं मिले थे. यहां तक कि इस आदिवासी गढ़ में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के वीरेंद्र सिंह मरावी भी महज 1721 वोट हासिल कर पाए थे.
वहीं बता दें कि 28 सीटों पर हो रहे उपचुनाव में 10 सीट जौरा, ग्वालियर पूर्व, ग्वालियर, मेहगांव, दिमनी,अनूपपुर, मांधाता, नेपानगर, सुवांसरा, पोहरी में महिला मतादाता निर्णायक साबित हुई थी. सुवासरा में महिलाओं का वोट प्रतिशत सबसे ज्यादा 80.28 फीसदी रहा था.
Source : News Nation Bureau