कमलनाथ ने दागा चौथा सवाल, शिवराज सरकार से पूछे कड़वे सवाल

सवालों की कड़ी में मध्‍य प्रदेश कांग्रेस के अध्‍यक्ष कमलनाथ ने भाजपा की शिवराज सिंह चौहान की सरकार से चौथा सवाल पूछा है. इस दौरान उन्‍होंने एक कविता भी ट्वीट करते हुए आंकड़ों के सहारे भाजपा सरकार को घेरने की कोशिश की.

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Sunil Mishra
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कमलनाथ ने दागा चौथा सवाल, शिवराज सरकार से पूछे कड़वे सवाल

मध्‍य प्रदेश कांग्रेस के अध्‍यक्ष कमलनाथ (फाइल फोटो)

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सवालों की कड़ी में मध्‍य प्रदेश कांग्रेस के अध्‍यक्ष कमलनाथ ने भाजपा की शिवराज सिंह चौहान की सरकार से चौथा सवाल पूछा है. इस दौरान उन्‍होंने एक कविता भी ट्वीट करते हुए आंकड़ों के सहारे भाजपा सरकार को घेरने की कोशिश की. कविता में उन्‍होंने यह भी दावा किया है कि भाजपा की प्रदेश सरकार हार की कगार पर खड़ी है.

पढ़िए कमलनाथ की ट्वीट

'वो ही फैला रहे हैं स्वर्णिम से समृद्धि का झूठ,
जिन्होंने लिया मध्यप्रदेश को लूट
मामाजी, क्या समृद्धि का नारा भाजपा नेताओं व मंत्रियों के लिए गढ़ा?
तो फिर बताओ मध्यप्रदेश की गरीबी का ग्राफ़ लगातार क्यों बढ़ा?
मोदी सरकार ही खोल रही है 'स्वर्णिम से समृद्धि' की पोल,
बता रही है मामा जी का फूटा हुआ है ढोल

इसके बाद कमलनाथ ने 11 प्‍वाइंट उठाते हुए मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को घेरने की कोशिश की है:

1 ) मोदी सरकार ने राज्यों का संपत्ति सूचकांक जारी किया है, जिसमें मप्र के सिर्फ़ 15.8% परिवार ही इसके दायरे में आते हैं. इतनी खराब स्थिति बड़े राज्यों में छत्तीसगढ़ व बिहार की है, जहां चंडीगढ के 78.5% ,पंजाब के 60.7%, हिमाचल जैसे राज्य के 31% परिवार संपन्न हैं। (लोकसभा - प्रश्न संख्‍या 174- 2/2/2018 )

2) मोदी सरकार की सितम्बर 2017 (NFHS) में जारी रिपोर्ट बताती है कि 2006 से 2016 के बीच मध्यप्रदेश में गरीबी रेखा के नीचे रहने वालों की जनसंख्या 27 % बढ़ गई है.

3) केंद्र के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा किए गए सर्वे (2016) में मप्र में सिर्फ 36% लोग पक्के घरों में रहते हैं.

4) मध्‍य प्रदेश में सिर्फ 23% घरों में नल द्वारा पीने का पानी आता है (शहरों में 51% और गांवों मे 11%)

5) मध्‍य प्रदेश के सिर्फ 30% लोग खाना बनाने के लिए स्वच्छ ईंधन का इस्तेमाल करते हैं.

6) मध्यप्रदेश में 57% परिवार अभी भी खुले में शौच के लिए मजबूर हैं.

7) नीति आयोग कहता है कि मध्यप्रदेश के 45 लाख़ 82 हज़ार 607 (40.33 %) ग्रामीण घरों में बिजली नहीं है.

8) हैंडबुक ऑफ स्टेटिस्टिक्स (आरबीआई) के अनुसार यूपी और बिहार के बाद सबसे ज़्यादा गरीब लोग मध्यप्रदेश में हैं, जिनकी संख्‍या 2 करोड़ 34 लाख़ 6000 है.

9) केंद्र की कृषि लागत और मूल्य आयोग की वर्ष 2018-19 की रिपोर्ट: मध्यप्रदेश में कृषि मजदूरी सबसे कम मात्र 210 रुपये प्रतिदिन है. बिहार में 251 रुपये, आंध्रप्रदेश में 291 रुपये., महाराष्ट्र में 269 रुपये, पश्चिम बंगाल में 232 रुपये कृषि मजदूर को मिलते हैं.

10) मप्र में मनरेगा में दर्ज परिवार -68.25 लाख अर्थात मध्यप्रदेश की लगभग आधी आबादी मज़दूरी के लिए बाध्य. 2014-15 में 100 दिन का पूरा रोजगार पाने वाले परिवार की संख्‍या -1,58,776 (2.33%) है. 2015-16 में 100 दिन का पूरा रोजगार पाने वाले परिवार-2,25,502(3.30%). 2016-17 में 100दिन का पूरा रोजगार पाने वाले परिवार-1,40,990(2.1%). 2017-18 में 100 दिन का पूरा रोज़गार पाने वाले परिवार- 1,34,724 (1.97%).

11) नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत मध्यप्रदेश के विकास पर बहुत बड़ा सवाल खड़ा करते हुए अप्रैल 2018 में कहते हैं कि मध्यप्रदेश जैसे पिछड़े राज्यों के कारण देश पिछड़ गया।

इसके बाद कविता को आगे बढ़ाते हुए कमलनाथ लिखते हैं:

40 दिन 40 सवाल
मोदी सरकार के मुँह से जानिए.
मामा सरकार की बदहाली का हाल
हार की कगार पर मामा सरकार.

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