मध्य प्रदेश की 28 विधानसभा सीटों के लिए 3 नवंबर को उपचुनाव होना है. ऐसे में सभी राजनीतिक पार्टियों के बीच सियासी वार शुरू हो गया है. इस उपचुनाव में अपनी जीत हासिल करने के लिए बीजेपी और कांग्रेस दोनों जमकर चुनावी जन-सभाएं कर रही हैं. एमपी में सत्ताधारी बीजेपी और विपक्षी पार्टी कांग्रेस दोनों के लिए ये उपचुनाव काफी महत्वपूर्ण है. वहीं उपचुनाव से पहले हम बात करेंगे बदनावर विधानसभा सीट के बारे में.
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बदनावर सीट के बारे में-
बदनावर विधानसभा पाटीदार और राजपूत किसानों के बाहुल्य वाला संपन्न इलाका माना जाता है. इस सीट से कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में गए युवा राजवर्धन सिंह दत्तीगांव और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमल पटेल के बीच कड़ा मुकाबला है. बदनावर विधानसभा सीट का इतिहास देखा जाए तो कुछ अपवाद छोड़कर यहां हमेशा सत्ता के विपरित निर्णय आया है.
साल 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद उपजी सहानुभूति लहर जैसे माहौल में जब कांग्रेस ने पूरे प्रदेश में भरपूर बहुमत प्राप्त हासिल किया था. लेकिन बदनावर में कांग्रेस उम्मीदवार चुनाव हार गए थे. यहां से बीजेपी के रमेश चंद्रसिंह राठौर ने जीत हासिल की थी. वहीं 1989 में कांग्रेस के प्रत्याशी प्रेमसिंह दत्तीगांव को जीत मिली थी.
बदनावर क्षेत्र में राजपूत वोटर्स करीब 35 से 40 हजार हैं. वहीं पाटीदार लगभग 40 से 45 हजार वोटर हैं. इसके अलावा 50 हजार आदिवासी वोटर्स भी हैं, जबकि 15 से 18 हजार मुस्लिम वोटर्स हैं. बदनावर विधानसभा क्षेत्र की सीमा धार, रतलाम, उज्जैन, इंदौर, झाबुआ जिलों के करीब है. इस इलाके में खेती किसानी वाले मतदाता अधिक हैं.
अबतक चुने गए विधायक-
- 1985- रमेशचंद्र सिंह राठौर (BJP)
- 1990- प्रेमसिंह दत्तीगांव (Congress)
- 1993- रमेशचंद्र सिंह राठौर (BJP)
- 1998- खेमराज पाटीदार (BJP)
- 2003- राजवर्धन सिंह दत्तीगांव (Congress)
- 2008- राजवर्धन सिंह दत्तीगांव (Congress)
- 2013- भंवरसिंह शेखावत (BJP)
- 2018- राजवर्धन सिंह दत्तीगांव (Congress)
Source : News Nation Bureau