शिक्षक बनना चाहते हैं तो करना होगा 4 साल का बीएड, ये हैं कारण

वहीं नई शिक्षा नीति में प्रावधान किया गया है कि शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्य में नहीं लगाया जा सकता.

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yogesh bhadauriya
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प्रतीकात्मक तस्वीर( Photo Credit : News State)

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बीएड का प्रोग्राम पहले एक साल का होता था और वर्तमान में दो साल का है, जो अब नियमों में बदलाव के बाद यह चार साल का इंटीग्रेटेड प्रोग्राम होगा. वहीं नई शिक्षा नीति में प्रावधान किया गया है कि शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्य में नहीं लगाया जा सकता. इसके अलावा नेशनल रिसर्च फाउंडेशन होगा, जो रिसर्च के लिए फंडिंग करेगा. सभी विवि को नियंत्रण करने के लिए एक ही संस्था होगी.

दरअसल बरकतउल्ला विश्वविद्यालय (बीयू) में सोमवार को भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद का जन्मदिन राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाया गया. इस दौरान मुख्य वक्ता क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान के प्राचार्य नित्यानंद प्रधान ने नई शिक्षा की जानकारी दी और कहा कि इससे छात्र-शिक्षकों को लाभ होगा. अभी तक स्कूल एजुकेशन और हायर एजुकेशन में कोई लिंक नहीं था.

अगले साल से लागू होगा नया पैटर्न

अब दो साल का बीएड प्रोग्राम बंद कर दिया जाएगा. सूत्रों के मुताबिक, एनसीटीई अगले साल से चार वर्ष का बीएड कोर्स लाने की कवायद में जुट गया है. तीन साल पहले एक वर्ष के बीएड को खत्म कर बीएड दो वर्ष का कर दिया गया था. सफलतापूर्वक दो सेशन पूरे भी हो चुके हैं. बीएड के अलावा बीटीसी, बीएलएड, डीएलएड जैसे कई कोर्स चल रहे हैं जिनके जरिए शिक्षक बना जा सकता है. सरकार शिक्षक के लिए सिर्फ एक कोर्स चाहती है.

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नए कोर्स होंगे डिजाइन

सूत्रों के मुताबिक, नए बदलाव के तहत प्राइमरी और सेकेंडरी में अलग-अलग बीएड कोर्स डिजाइन होंगे. प्राइमरी के लिए अलग बीएड करना होगा और सेकेंडरी के लिए अलग बीएड कोर्स होगा. प्राइमरी और सेकेंडरी में साइंस ओर कला वर्ग के लिए दो ग्रुप होंगे. प्राइमरी में भी बीएससी बीएड और बीए बीएड तथा सेकेंडरी में भी बीएससी बीएड और बीए बीएड अलग अलग होंगे. कमेटी बीएड कोर्स का पूरा खाका खीचेंगी. इसमें कोर्स से लेकर शिक्षकों की संख्या और शिक्षकों की क्वालीफिकेशन भी कमेटी तय हरेगी.

Source : News Nation Bureau

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