मध्यप्रदेश में राज्यसभा की तीन सीटों के लिए चुनाव होने वाले हैं. विधायकों की संख्या के आधार पर भाजपा को दो और कांग्रेस को एक सीट मिलना तय माना जा रहा है. इसके बावजूद अंदरखाने उठापटक की कोशिशों के प्रयास जारी है. राज्यसभा की सीटों के लिए 19 जून को होने वाले मतदान से पहले दोनों दल विधायकों का संख्या बल होने के बावजूद पूरी तरह सजग और सतर्क हैं. आशंकाओं से दोनों घिरे हैं, यही कारण है कि कांग्रेस ने बुधवार को विधायक दल की बैठक बुलाई. यह बात अलग है कि इस विधायक दल की बैठक में बड़ी संख्या में विधायक गैरहाजिर रहे.
वहीं दूसरी ओर, सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी ने विधायकों की बैठक गुरुवार शाम को छह बजे पार्टी कार्यालय में बुलाई है. लेकिन इससे पहले बीजेपी ने डिनर पार्टी का आयोजन कर अपने इरादे जाहिर कर दिए हैं. बीजेपी की डिनर पार्टी में बसपा विधायक रामबाई परिहार और संजीव सिंह कुशवाहा, सपा विधायक राजेश शुक्ला और निर्दलीय विधायक राणा विक्रम सिंह और सुरेंद्र सिंह शेरा शामिल हुए. उन्होंने भोपाल पार्टी कार्यालय में CM शिवराज सिंह चौहान और भाजपा नेताओं से भी मुलाकात की. बसपा विधायक राम भाई ने साफ तौर पर कह दिया है कि उनका वोट बीजेपी के पक्ष में जाएगा. तो निर्दलीय विधायक विक्रम सिंह राणा ने कहा कि शिवराज सिंह चौहान एक विकास पुरुष है इसलिए उनका फोटो शिवराज सिंह के साथ जाएगा.
निर्दलीय और अन्य विधायकों की इस बगावत से कॉन्ग्रेस और मुश्किल में पड़ गई है. लिहाजा कांग्रेस पार्टी ने एक बार फिर विधायक दल की बैठक बुलाई है. इस बैठक में कांग्रेस ने बसपा सपा और निर्दलीय विधायकों को भी बुलाया है. कांग्रेस के लिए अपने विधायक भी किसी मुसीबत से कम नहीं है. पार्टी ने जब बुधवार को विधायक दल की बैठक बुलाई तो उससे केपी सिंह, लक्ष्मण सिंह, वीर सिंह भूरिया, रवि जोशी और बाल सिंह मेडा नदारद रहे.
गौरतलब है कि राज्य में रिक्त हुई राज्यसभा की तीन सीटों के लिए चुनाव होने को हैं और चार उम्मीदवार मैदान में हैं. इनमें भाजपा के दो उम्मीदवार- कांग्रेस छोड़कर आए पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और सुमेर सिंह सोलंकी हैं तो वहीं कांग्रेस की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और दलित नेता फूल सिंह बरैया मैदान में हैं. विधायकों की संख् वर्तमान में 206 है, क्योंकि 24 विधानसभा सीटें रिक्त हैं और आगामी समय में यहां उपचुनाव होने वाले हैं. विधानसभा सूत्रों के अनुसार, एक उम्मीदवार को निर्वाचित होने के लिए 52 विधायकों का वोट हासिल करना जरूरी है. भाजपा के 107 विधायक हैं और कांग्रेस के 92. इस आधार पर भाजपा के दोनों उम्मीदवारों का निर्वाचित होना तय है, वहीं कांग्रेस का एक उम्मीदवार निर्वाचित होगा.
Source : News Nation Bureau