बैतूल। मध्य प्रदेश के बैतूल में विकास की पोल खोलने वाली एक ऐसी तस्वीर सामने आई है जिसे देखकर लगता है कि बदहाल सिस्टम की लाचार तस्वीर है. नदी पर पुल नहीं होने के कारण एक बीमार महिला को उफनती नदी में बैलगाड़ी से पार कराना पड़ा जिसमें चार लोगों की जिंदगी जोखिम में डल गई थी. महिला का जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है. बैतूल के चिचोली विकासखंड के बोर्ड रिजल्ट गांव में भाजी नदी है, जिस पर पुल नहीं है. शुक्रवार को एक महिला सुखमनी इवने की उल्टी दस्त से तबियत बिगड़ गई. नदी में बाढ़ होने के कारण परिवार वाले उसे अस्पताल नहीं ले जा पाए. रविवार को महिला की हालत और ज्यादा गंभीर हो गई तब परिवार वालों ने महिला की जान बचाने के लिए जोखिम उठाते हुए बैलगाड़ी से नदी पार कराई. इस दौरान नदी में कमर से नीचे तक पानी था लेकिन तेज बहाव था, शुक्र है कि महिला और उसके परिजन सकुशल नदी पार कर गए.
बीमार महिला के पति दयाराम का कहना है कि नदी पर पुल नहीं है तो महिला को एक किलोमीटर तक बैलगाड़ी से मुख्य मार्ग तक ले गए और वहां किराए का वाहन लेकर उसे चिचोली अस्पताल ले गए. हालत गंभीर होने पर वहां से उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया. जिला अस्पताल के बैलून वार्ड में महिला को भर्ती किया गया.
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महिला का इलाज कर रहे डॉ रानू वर्मा का कहना है कि महिला उल्टी-दस्त से तबियत बिगड़ी थी और वह देरी से जिला अस्पताल पहुंची है जिसके कारण उसकी किडनी में भी खराबी आ गई है, उसका इलाज चल रहा है. बैतूल की यह पहली तस्वीर नहीं है इसके पहले भी गर्भवती महिला को खाट पर रखकर नदी पार कराई गई तो वहीं प्रसव के बाद हालत बिगड़ने पर एक महिला को कंधे पर 3 किलोमीटर तक लाना पड़ा. इन सब तस्वीरों के सामने आने के बाद सिस्टम गंभीर होता नजर नहीं आ रहा है.