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Azadiसैट: भोपाल की 15 छात्राओं ने किया शहर का नाम रौशन, अंतरिक्ष तक पहुंचा नाम

इसरो ने रविवार को अपने सबसे छोटे रॉकेट एसएलवी (सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल) के माध्यम से दो उपग्रहों को लॉन्च किया. हालांकि वो तय कक्षा में नहीं पहुंच सके, इसलिए उपग्रह सही तरीके से काम नहीं कर रहे.

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Shravan Shukla
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AzadiSat

AzadiSat ( Photo Credit : News Nation)

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इसरो ने रविवार को अपने सबसे छोटे रॉकेट एसएलवी (सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल) के माध्यम से दो उपग्रहों को लॉन्च किया. हालांकि वो तय कक्षा में नहीं पहुंच सके, इसलिए उपग्रह सही तरीके से काम नहीं कर रहे. लेकिन इन दोनों सेटेलाइट्स में एक सेटेलाइट आजादीसैट (AzadiSat) सिर्फ 8 किलो का था, जिसे देश की 750 छात्राओं ने मिलकर तैयार किया. इनमें से 15 छात्राएं भोपाल की हैं. रविवार का दिन इन छात्राओं के साथ ही भोपाल शहर के लिए भी गर्व करने का दिन था कि उनकी गोद में पली-बढ़ी बच्चियों के काम अब अंतरिक्ष तक पहुंच चुके हैं. 

भोपाल की 10वीं-12वीं की बच्चियों का काम अंतरिक्ष तक पहुंचा

भोपाल की ये 15 बच्चियां बरखेड़ा इलाके में स्थित भेल कैंपस के महारानी लक्ष्मी बाई (एमएलबी) गर्ल्स हायर सेकंडरी स्कूल में पढ़ती हैं. जो 10वीं और 12वीं की हैं. इन परिवार बेहद साधारण हैं. लेकिन ये बच्चियां आईटी और रोबोटिक्स में अभी से माहिर हैं. यही वजह है कि देश की आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर जब देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, तब उसी वक्त सिर्फ छात्राओं के योगदान से बना 'आजादीसैट' उपग्रह अंतरिक्ष में है. इन बच्चों का आईटी और रोबोटिक्स में माहिर होने की वजह से ही इन्हें इतनी नन्ही सी उम्र में अंतरिक्ष तक पहुंचने का मौका दिला सका. 

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अर्थ मैपिंग सेटेलाइट

आजादीसैट उपग्रह अंतरिक्ष से देश पर नजर रखता. इसपर सेल्फी कैमरा भी लगा हुआ है, तो कुछ शोध के उपकरण भी. न्यूज़ स्टेट से छात्राओं ने बातचीत में कहा की हम बहुत ख़ुश है. साथ ही हम वैज्ञानिक भी बनना चाहते है. हमारे माता पिता भी बहुत ख़ुश है. स्कूल की बच्चियों ने आईटी और रोबोटिक्स के गुर अपने शिक्षक जितेंद्र पाल सिंह चौहान से सीखे हैं. स्कूल के तत्कालीन प्रिंसिपल केडी श्रीवास्तव ने छात्राओं की सफलता पर खुशी जताई.

ऐसे हुआ इन छात्राओं का सेलेक्शन

न्यूज़ स्टेट से बातचीत करते हुए शिक्षक जितेंद्र चौहान ने बताया कि 'आजादी के अमृत महोत्सव' के तहत इसरो के इस कार्यक्रम में नीति आयोग से जुड़ी सैटेलाइट कंपनी स्पेस किड्ज चैन्नई ने स्कूल के एड्रेस पर डाक के जरिए सैटेलाइट का एक इंस्ट्रूमेंट भेजा था. इसमें सॉफ्टवेयर के जरिए हमें प्रोग्रामिंग करनी थी. इसमें सेंसर को डिटेक्ट करने वाली टेक्नोलॉजी की प्रोग्रामिंग भी शामिल थी. इस काम के लिए स्टूडेंट्स को 3 दिन की ऑनलाइन ट्रेनिंग भी दी गई थी. इस बीच मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने इन बेटियों के साथ पौधा रोपण किया.  मुख्यमंत्री ने कहा कि ये हमारे लिए गौरव का क्षण है.

HIGHLIGHTS

  • आजादी सैट में भोपाल की 15 छात्राओं का नाम
  • स्पेस किड्स कंपनी ने भेजा था उपग्रह का हिस्सा
  • सामान्य परिवारों की बच्चियों ने किया पूरे शहर का नाम रौशन
isro आजादी का अमृत महोत्सव AzadiSat SLV
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