मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से ठगी का एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने पुलिस महकमे में हड़कंप मचा कर रख दिया. यहां के पुलिस कमिश्नर के नाम से फर्जी फेसबुक आईडी बनाकर ठगी करने वाले 2 आरोपियों गिरफ्तार किया है. पुलिस ने राजस्थान के अलवर से दोनों युवकों को दबोचा है. पुलिस को आरोपी के पास से ऐसे 100 से भी ज्यादा लोगों को ठगने के सबूत मिले हैं.
मामले का खुलासा एक शिकायत के आधार पर हुआ. क्राइम ब्रांच डीसीपी अखिल पटेल ने बताया कि महेश कुमार निवासी भोपाल ने शिकायत की थी कि फर्जी FACEBOOK ID- ‘Hari Narayan’ जिसमें IPS हरिनारायणचारी मिश्रा की फोटो लगी थी, से एक मैसेज प्राप्त हुआ. इसमे पुराना फर्नीचर बेचने के नाम पर आरोपी ने QR कोड भेजकर कुल 45 हज़ार रुपये ट्रांसफर करा लिए. इसके बाद पीड़ित ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई.
मौके से बरामद हुए ये अहम दस्तावेज
क्राइम ब्रांच ने शिकायत के आधार पर थाना क्राइम ब्रांच मे धारा-318(4), 319(2) BNS ke तहत केस दर्ज कर जांच-पड़ताल शुरू की. सायबर क्राइम की टीम द्वारा तकनीकी एनालिसिस से मिले सबूतों के आधार पर ठगी करने में उपयोग किए गए वाट्सएप नंबर और फेसबुक आईडी की डिटेल निकाली गई तो इन्हें इस्तेमाल करने वाले आरोपी की पहचान हो ग. इससे मिली जानकारी के आधार पर गिरोह के मुख्य आरोपी शकील और उसके साथी सुनील को राजस्थान के अलवर से गिरफ्तार किया गया. इनके पास से अपराध में इस्तेमाल 04 मोबाइल फोन, 03 सिम कार्ड, 5000 रुपये और अन्य दस्तावेज जब्त किए गए हैं.
अलवर से है कनेक्शन
पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वह पुलिस कमिश्नर हरि नारायणचारी मिश्रा की फोटो का उपयोग कर फर्जी फेसबुक ID बनाई. इसके बाद से इससे जुड़े लोगों को निशाना बनाया. ठग दोस्ती करने के बाद उनको मैंसेंजर मे चैट कर एक अन्य अधिकारी का ट्रांसफर का बोलकर सस्ते दामों में फर्नीचर बेचने का बोलते थे.
इसके बाद वॉट्सएप नंबर से बात कर लोगों को कीमती फर्नीचर के फोटो भेज देते थे और इसे सस्ते दामों पर बेचने का बोलकर बिल बनवाते और ट्रांसपोर्ट से भेजने के नाम पर फर्जी बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर करवा लेते थे. गिरोह का सरगना अलवर का निवासी है जिसकी पहचान शकील के रूप में की गई है. वह फर्जी फेसबुक ID बनाना, चैट करना, कालिंग करने क काम करता है. जबकि दूसरा आरोपी सुनील ठगी के रुपयों को कमीशन पर निकाल कर देना, सिम व फर्जी बैंक खाते उपलब्ध कराने क काम करता था. फिलहाल दोनों सलाखों के पीछे पहुंच गए हैं.