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भोपाल में गैस पीड़ित सड़कों पर मशाल लेकर उतरे, कहा-अब और भोपाल नहीं बनने देंगे

मध्यप्रदेश की राजधानी की सड़कों पर रविवार को यूनियन कार्बाइड गैस पीड़ितों ने एक बार फिर सरकारों के खिलाफ गुस्सा दिखाया. विभिन्न स्थानों पर मशाल जुलूस निकाले गए.

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nitu pandey
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भोपाल में गैस पीड़ित सड़कों पर मशाल लेकर उतरे, कहा-अब और भोपाल नहीं बनने देंगे

भोपाल में गैस पीड़ित सड़कों पर उतरे मशाल लेकर

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मध्यप्रदेश की राजधानी की सड़कों पर रविवार को यूनियन कार्बाइड गैस पीड़ितों ने एक बार फिर सरकारों के खिलाफ गुस्सा दिखाया. विभिन्न स्थानों पर मशाल जुलूस निकाले गए. हाथ में मशाल थामे लोग 34 साल पहले हुए गैस हादसे को याद कर सरकारों पर बरस रहे थे और नारे लगा रहे थे कि 'अब और भोपाल नहीं बनने देंगे.' राजधानी में रविवार की शाम विभिन्न स्थानों पर मशालें जलाकर लोगों ने अपना संघर्ष जारी रखने का ऐलान किया. साथ ही अपने बिछुड़े प्रियजनों को श्रद्धांजलि दी.

भोपाल में दो-तीन दिसंबर, 1984 की दरम्यानी रात को यूनियन कार्बाइड प्लांट से रिसी जहरीली गैस ने हजारों लोगों को मौत की नींद सुला दिया था, तभी से विभिन्न संगठन पीड़ितों के हक व न्याय के लिए संघर्ष करते आ रहे हैं.

गैस त्रासदी की 34वीं बरसी की पूर्व संध्या पर गैस पीड़ितों के लिए काम कर रहे संगठनों ने श्रद्धांजलि सभाओं का आयोजन किया. इस मौके पर भोपाल गैस पीड़ित महिला उद्योग संगठन ने शाहजहांनी पार्क में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया. यहां मौजूद अब्दुल जब्बार ने केंद्र और राज्य सरकारों के रवैए पर नाराजगी जाहिर की, साथ ही कहा कि ये सरकारें लगातार पीड़ितों से छलावा करती आ रही है.

वहीं संभावना ट्रस्ट ने कमला पार्क से इकबाल मैदान तक कैंडल मार्च निकाला. इस मौके पर बड़ी संख्या में हर उम्र व वर्ग के लोग शामिल हुए. सभी ने अपने हक की लड़ाई जारी रखने का संकल्प लिया. मशाल जुलूस में शामिल लोगों में सरकारों के रवैए के खिलाफ नाराजगी साफ नजर आई.

Source : IANS

madhya pardesh 1984 Bhopal Gas Tragedy gas victims in madhya pradesh
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