मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि भारत भूमि पर अवतरित हुए महान संतों ने अपनी वाणी और विचारों से न सिर्फ धर्म और अध्यात्म का प्रचार-प्रसार किया बल्कि भारतीय समाज में व्याप्त अनेक कुरुतियों को समाप्त करने का प्रयास भी किया. इन महान संतों और कवियों की श्रेणी में भक्तिकाल में अवतरित हुए संत रविदास जी ने जाति, वर्ग और धर्म के बीच की दूरियों को मिटने और उन्हें कम करने का भरसक प्रयत्न किया. इतिहासकारों के मतानुसार संत शिरोमणि और महान कवि रविदास का जन्म वाराणसी के पास एक गांव में सन् 1398 में माघ पूर्णिमा के दिन हुआ था और देशभर में माघ पूर्णिमा को बहुत भक्ति भाव और धूमधाम से संत रविदास जयंती मनाई जाती है.
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि संत रविदास जी ने अपने कुल और कार्य को उतनी ही निष्ठा और गौरव के चरित्रार्थ किया, जितना कोई सच्चा भक्त अपने प्रभु की भक्ति करता है. रविदास जी ने अपने प्रभावकारी और तर्कपूर्ण विचारों की छाप समाज पर ऐसे छोड़ी कि वो रविदास से संत रविदास बन गए. उनके उपदेशों ने धर्म की बाध्यता और आडंबरों से समाज को मुक्त किया. संत रविदास जी ने ऐसे समाज की कल्पना की जहां जात-पात, वर्ग-भेद न हो, सामाजिक समरसता हो, मन पवित्र हो, कर्म की प्रधानता हो, मानवीयता हो, सभी के कल्याण की बात हो, सर्वोदय हो, समाज में सबका बराबर का स्थान हो, प्रभु की भक्ति में लगने वाला हर मन एक ही है. मन की पवित्रता और कर्म की प्रधानता इतनी थी कि उन्होंने कहा- मन चंगा तो कठौती में गंगा.
राज्य स्तर से लेकर प्रदेश के गांव-गांव तक गूंजे गुरु रविदास जी महाराज के जयघोष
मुख्यमंत्री ने कहा कि संत रविदास जी किसी विशेष कुल या वर्ग के संत नहीं हैं, बल्कि वह जन कवि और हर वर्ग के संत हैं. वह आज भी अपने विचारों, सिद्धांतों और उपदेशों से पूरे समाज का मार्गदर्शन कर रहे हैं. जैसे समाज की कल्पना उन्होंने की वैसे ही समाज की भावना हमारे संविधान की भी है. रविदास के भक्ति गीतों एवं दोहों ने भारतीय समाज में समरसता एवं प्रेम भाव उत्पन्न करने का प्रयास किया है. समाज में धार्मिक सौहार्द एवं सहिष्णुता उत्पन्न करने के लिए रविदास जी ने अथक प्रयास किए थे.
संत रविदास जी से जनसमुदाय की भावनाएं जुड़ी हैं, इसलिए मध्यमप्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में राज्य सरकार ने संत रविदास जयंती पर पूरे प्रदेश में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन हुआ. मुख्यमंत्री भोपाल में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में वर्चुअली उपस्थित रहे. मुख्यमंत्री ने संत रविदास जी को नमन करते हुए कहा कि मैं उस कुल को प्रणाम करता हूं जिस कुल में संत रविदास जी का जन्म हुआ था. उन्होंने कहा कि संत रविदास जी ने समाज में सभी के कल्याण की भावना भाई और उसी दिशा में हमारी सरकार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सबका साथ सबका विकास के लिए कार्य कर रही है.
इस अवसर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा करते हुए कहा कि भोपाल में बन रहे ग्लोबल स्किल पार्क का नाम संत रविदास जी के नाम पर रखा जाएगा. सीएम ने आगे कहा कि मध्य प्रदेश सरकार प्रयास करेगी कोई भी भूखा न रहे इसके लिए दीनदयाल रसोई का विस्तारीकरण किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने संत रविदास स्वरोजगार योजना की घोषणा भी की. योजना के अंतर्गत 25 लाख तक का लोन उपलब्ध कराया जाएगा, जिसका 5 प्रतिशत ब्याज सरकार भरेगी.
इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति विशेष परियोजना प्रारंभ कर रही है, जिसमें अनुसूचित जाति के युवाओं को स्वरोजगार, कौशल उन्नयन, नवाचार के लिए 2 करोड़ तक का अनुदान दिया जाएगा. सीएम ने आगे कहा कि डॉ भीमराव अंबेडकर आर्थिक कल्याण योजना भी हम प्रारंभ करेंगे, जिसमें कम लागत के उपकरण और पूंजी की आवश्यकता होने पर सरकार एक लाख तक का लोन सरकार उपलब्ध कराएगी. प्रदेश के सभी अनुसूचित जाति बहुल जिलों में जहां ज्यादा आवश्यकता होगी ऐसे स्थानों पर संत रविदास सामुदायिक भवनों का निर्माण कराया जाएगा, जिससे सार्वजनिक कार्यक्रम व्यवस्थित हो सकें. समाज के कमजोर वर्ग के लोगों के सशक्तिकरण के लिए मध्य प्रदेश सरकार अलग-अलग योजनाओं के माध्यम से कार्य करेगी. संत रविदास जी के मंदिरों का आवश्यकता अनुसार जीर्णोद्धार किया जाएगा. सामाजिक संस्थाओं को स्कूल खोलने के लिए भूमि और आर्थिक सहायता दी जाएगी.
अनुसूचित जातियों के कल्याण हेतु प्रतिबद्ध है मध्यप्रदेश सरकार
मध्यप्रदेश में विकास की मुख्य धारा से सभी वर्गों को जोड़ने और सभी जन-कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उन तक पहुंचाने के लिए राज्य सरकार दृढ़ संकल्पित है. राज्य में अनुसूचित जातियों की समृद्धि और उनके जीवन की खुशहाली के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सरकारी खजाने खोल दिए हैं. प्रदेश में अनुसूचित जातियों की जनसंख्या के मान से प्रदेश के कुल बजट में 16 प्रतिशत का प्रावधान रखा गया है. राज्य सरकार ने विभिन्न योजनाओं के माध्यम से इन वर्गों के आर्थिक, सामाजिक और शैक्षणिक विकास के लिये कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं.
राज्य सरकार ने अनुसूचित जाति वर्ग के विद्यार्थियों की शिक्षादीक्षा के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी है. विदेश में पढ़ाई की बात से लेकर देश में अध्ययन के लिए छात्रवृत्ति, छात्रावास और मैस के बेहतरीन इंतजाम तक के लिए मध्यप्रदेश सरकार खुले हाथ से पैसा खर्च कर रही है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मंशा के अनुरूप अनुसूचित जाति कल्याण विभाग योजनाओं का सफल क्रियान्वयन करने में पूरी तत्परता दिखा रहा है. प्रदेश के अनूसूचित जाति वर्ग के 4 लाख 48 हजार विद्यार्थियों को 480 करोड़ रुपये की पोस्ट-मेट्रिक छात्रवृत्ति दी गई है.
इसी तरह 16 लाख 37 हजार विद्यार्थियों को 154 करोड़ रुपये की राज्य छात्रवृत्ति का वितरण किया गया है. इसके अलावा 80 हजार विद्यार्थियों को 115 करोड़ रुपये की आवास सहायता भी राज्य सरकार ने उपलब्ध कराई है. यही नहीं 50 विद्यार्थियों के लिए विदेश अध्ययन की सुविधा के लिए 1 विद्यार्थी को हर साल 50 हजार यूएस डॉलर की छात्रवृत्ति की पात्रता है. इतना ही नहीं छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की पूर्व तैयारी के लिए 7 प्रशिक्षण केन्द्रों का संचालन भी किया जा रहा है.
अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों की अच्छी और बेहतर शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए जहां राज्य सरकार ने छात्रवृत्ति के प्रावधान किए हैं तो वहीं युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए व्यवसायिक प्रशिक्षण के लिए 32 करोड़ 41 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है. इसके अलावा राज्य सरकार ने प्रदेश के अनुसूचित जाति बहुल ग्रामों के विकास के लिये 30 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है.
Source : News Nation Bureau