मध्य प्रदेश में मानसून ने दस्तक दे दी है. इससे लोग तो खुश हैं, लेकिन सत्ताधारी दल टेंशन में है. उनकी परेशानी की वजह है शहरों की हकीकत का सामने आना. दरअसल मध्यप्रदेश में हुई बारिश ने सड़कों की पोल को खोल कर रख दिया है. राजधानी भोपाल में पहली बारिश ने वह सच्चाई सामने ला दी, जो लोगों से परे थी. दरअसल शहर में कई जगहों पर सड़कें ही उखड़ गई. रंगमहल चौराहे की सड़कें इस कदर उखड़ीं कि सड़क के अंदर डली प्लास्टिक की पाइप लाइन तक बाहर आ गई. इसके बाद निरीक्षण करने आए अधिकारी एक-दूसरे डिपार्टमेंट पर डाल कर अपना पल्ला झाड़ते रहे.
इतना ही नहीं भोपाल में बोगदा पुल की सड़कें भी पूरी खराब हो गई. जिसके चलते लोगों को निकलने में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में मध्यप्रदेश में नगरी निकाय चुनाव चल रहे हैं जो कहीं ना कहीं सत्ता दल की चिंता बढ़ा सकते हैं.
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कई जिलों का हाल बेहाल
भोपाल और जबलपुर ही नहीं सागर में भी हालात कुछ इसी तरह बने. ग्रामीण क्षेत्रों की सड़के तो नदियों में तब्दील हो गई. बारिश के बाद सामने आई सच्चाई पर कांग्रेस राज्य सरकार को लगातार घेर रही है. पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक पीसी शर्मा बारिश के बाद हुई दुर्दशा को लेकर सरकार पर चुटकी लेते नजर आए. वहीं बीजेपी का इस मामले में कहना है कि बारिश के बाद कई जगहों पर इस तरह की घटनाएं हुई हैं. उस पर जिम्मेदारों से बात भी की जा रही है. इसमें जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
चुनावी मौसम में कहीं सत्ताधारी दल को न हो जाए दिक्कत!
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव का मौसम है और चुनाव के इस मौसम में बारिश का मौसम सरकार पर भारी पड़ सकता है. क्योंकि अगर बारिश तेज होती है तो सच्चाई सामने आ जाएगी. इससे विपक्षी दलों को सरकार पर उंगली उठाने का ऐन वक्त पर मौका मिल जाएगा.
HIGHLIGHTS
- मध्य प्रदेश में मानसून के साथ चुनावी मौसम
- बारिश की वजह से व्यवस्थाओं की खुल गई पोल
- जगह-जगह उखड़ी सड़कें, जगह-जगह जलभराव