मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव की तारीखों का भले ही ऐलान नहीं किया गया है, लेकिन बीजेपी ने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है. गुरुवार को पार्टी ने शाम में 39 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है. पार्टी की पहली लिस्ट में 39 उम्मीदवारों में से 2 प्रत्याशियों के नाम सुर्खियां बटोर रही है. इसमें डॉ. विजय आनंद मरावी और आम आदमी पार्टी के नेता राजकुमार हैं. बीजेपी ने दोनों ने नेताओं को टिकट देकर मैदान में उतारा है. बालाघाट जिले की लांजी सीट से उम्मीदवार बनाए गए राजकुमार बीजेपी की सूची जारी होने से पहले तक आम आदमी के लिए माहौल बना रहे थे, जनता से आप के पक्ष में वोट डालने के लिए आग्रह कर रहे थे. लेकिन लिस्ट आने से महज 4 घंटे पहले उन्होंने आप से इस्तीफा दे दिया और बीजेपी ने लिस्ट में उन्हें बालाघाट की लांजी सीट से मैदान में उतारा है. राज कुमार
टिकट मिलने से 4 घंटे पहले AAP नेता राजकुमार कर्राहे की बीजेपी की पहली लिस्ट में नाम देखकर हर कोई हैरान है. हैरानी भी स्वभाविक है. क्योंकि राजकुमार कर्राहे अभी तक आम आदमी पार्टी के प्रचार में जुटे हुए थे. लोगों से आप प्रत्याशी का समर्थन करने की अपील कर रहे थे. इलाके में उनके पोस्टर भी आम आदमी पार्टी के ही लगे हुए थे, पोस्टर में वह पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ नजर आ रहे हैं, बैनर पोस्टर में लिखा है एक मौका केजरीवाल को.. लांजी विधानसभा सीट से खुद को आप के उम्मीदवार के तौर पर प्रस्तुत करने वाले राजकुमार के दूसरे दल में शामिल होने को लेकर हर कोई चौंक उठा है. वहीं, मंडला ज़िले की बिछिया सीट से बीजेपी उम्मीदवार डॉ. विजय आनंद मरावी गुरुवार सुबह ही जबलपुर मेडिकल कॉलेज में सहायक अधीक्षक पद से इस्तीफा दिया था और शाम को ही उनका नाम बीजेपी उम्मीदवारों की सूची में था.
ध्रुव नारायण सिंह को भी टिकट
बता दें कि बीजेपी ने आगामी विधानसभा चुनावों के लिए 17 अगस्त (गुरुवार) को मध्य प्रदेश की 39 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया है. वहीं, छत्तीसगढ़ में 21 प्रत्याशी की पहली लिस्ट जारी की है. मध्य प्रदेश में बीजेपी ने भोपाल उत्तर से आलोक शर्मा और भोपाल मध्य से ध्रुव नारायण सिंह को प्रत्याशी बनाया है. हालांकि, ध्रुव नारायण सिंह को मैदान में उतारने को लेकर सवाल भी खड़े हो रहे हैं. शहला मसूद हत्याकांड में कथित तौर पर जुड़े ध्रुव नारायण सिंह को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं. हालांकि, 2008 से 2013 तक भोपाल मध्य से विधायक रहे ध्रुव नारायण सिंह को शहला मसूद हत्याकांड में सीबीआई से क्लीन चिट मिल चुकी है. बीजेपी की इस सूची पर नजर डाले तो पता चलता है कि पार्टी ने 12 ऐसे प्रत्याशियों पर दाव लगया है जिन्हें 2018 के विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था.
Source : News Nation Bureau