MP Cabinet Meeting Decisions: मध्य प्रदेश की कैबिनेट ने सिंगरौली जिले के चितरंगी में एक महत्वपूर्ण माइक्रो एरीगेशन परियोजना को मंजूरी दे दी है. लगभग 1,320 करोड़ रुपये की इस परियोजना से 142 गांवों के किसानों को 32,125 हेक्टेयर भूमि में सिंचाई की सुविधा प्राप्त होगी. इस परियोजना के तहत आधुनिक तकनीकों का उपयोग कर पानी की कुशलता से वितरण सुनिश्चित किया जाएगा, जिससे किसानों को अधिक उपज और बेहतर आर्थिक स्थिति प्राप्त करने में मदद मिलेगी.
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक
आपको बता दें कि मंगलवार को मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक आयोजित की गई. इस बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए, जिनकी जानकारी उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने पत्रकारों को दी. उन्होंने बताया कि प्रभारी मंत्री हर महीने संबंधित जिलों का दौरा करेंगे और एक रात वहां बिताएंगे, जिससे वे स्थानीय मुद्दों को बेहतर ढंग से समझ सकें और त्वरित समाधान प्रदान कर सकें.
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जन्माष्टमी पर्व का भव्य आयोजन
वहीं कैबिनेट बैठक में निर्णय लिया गया कि आगामी 26 अगस्त को जन्माष्टमी पर्व पर प्रदेश के सभी मंत्री संबंधित जिलों में भव्यता से इस पर्व को मनाने पर जोर देंगे. इसके अलावा, मदरसों में अन्य धर्मों की शिक्षा पर प्रतिबंध लगाने का फैसला भी लिया गया है, जिससे धार्मिक शिक्षा को संबंधित धर्मों तक सीमित रखा जा सके.
ईओडब्ल्यू कार्यालय का विस्तार
इसके साथ ही आपको बता दें कि कैबिनेट ने शहडोल, नर्मदापुरम, और चंबल संभागों में आर्थिक अपराध शाखा (EOW) के पुलिस अधीक्षक कार्यालय स्थापित करने पर मुहर लगा दी है. इस कदम से इन क्षेत्रों में आर्थिक अपराधों की जांच और नियंत्रण में मदद मिलेगी. फिलहाल, ईओडब्ल्यू का कार्यालय मध्य प्रदेश के सात संभागों में संचालित है, और अब इन तीन नए संभागों में इसका विस्तार होगा.
नर्मदा नदी विकास के लिए समिति का गठन
साथ ही नर्मदा नदी के विकास को लेकर भी कैबिनेट में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है. नर्मदा नदी को विकसित करने के लिए मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया जाएगा. इस समिति में नदी विकास, आवास, राजस्व, पंचायत ग्रामीण विकास मंत्री और वन मंत्री को शामिल किया गया है. यह समिति महीने में एक बार बैठक करेगी और नर्मदा नदी के विकास की दिशा में आवश्यक कदम उठाएगी.
निकायों में महत्वपूर्ण संशोधन
इसके अलावा आपको बता दें कि कैबिनेट ने नगर पालिका और नगर परिषदों में अध्यक्षों के चुनाव और अविश्वास प्रस्ताव से जुड़े नियमों में भी संशोधन किया है. अब अध्यक्षों के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की प्रक्रिया तीन वर्ष बाद ही संभव होगी और इसके लिए तीन चौथाई पार्षदों का समर्थन अनिवार्य होगा. इसके अलावा, कैबिनेट ने साइबर तहसील परियोजना का विस्तार पूरे राज्य में करने का भी फैसला लिया है. इस परियोजना के तहत, दो जिलों में सफल पायलेट प्रोजेक्ट के बाद इसे अन्य जिलों में भी लागू किया जाएगा.