कर्नाटक में कुमारस्वामी की सरकार गिराने के बाद से भारतीय जनता पार्टी की नजर मध्य प्रदेश पर लगी हुई थी, मगर उसके प्लान पर पार्टी के ही विधायकों ने पानी फेर दिया. जिसकी वजह से बीजेपी के अंदर खलबली मची हुई है. मध्य प्रदेश विधानसभा में कराए गए मत विभाजन में बीजेपी के दो विधायकों ने विधेयक को पास कराने में कमलनाथ सरकार के पक्ष में वोट दिया, जो बीजेपी के लिए बड़ा झटका था. बीजेपी के दो विधायकों की क्रॉस वोटिंग के बाद कांग्रेस के भी हौसले बुलंद हो गए. ऐसे अब कांग्रेस दावा कर रही है कि भारतीय जनता पार्टी के कई और विधायक उसके संपर्क में हैं. जिसके बाद से बीजेपी खुद मुश्किलों में फंस गई. आज भोपाल स्थित बीजेपी मुख्यालय में दिनभर बैठकों का दौर चलेगा. प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह देर रात भोपाल पहुंचे. आज नेता प्रतिपक्ष पूर्व मुख्यमंत्री संगठन महामंत्री के साथ बैठकें होगी.
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इसके अलावा मध्य प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष राकेश सिंह को पार्टी हाईकमान ने दिल्ली तलब किया है. राकेश सिंह से पार्टी हाईकमान ने आज पूरे मामले की जानकारी मांगी है. विधायकों की क्रॉस वोटिंग पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह का कहना है कि मत विभाजन के जरिए कांग्रेस अपने विधायकों को बांधना चाहती है. जब बीजेपी ने मत विभाजन का विरोध किया तो मत विभाजन क्यों कराया. इसके साथ ही राकेश सिंह ने नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव के 24 घंटे में सरकार गिराने के बयान पर कहा कि कई बार परिस्थितियों को देखते हुए इस तरह की बात बोलनी पड़ती है. हालांकि भार्गव का बयान पार्टी की अधिकृत लाइन नहीं. साथ ही बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि बीजेपी कभी भी सरकार गिराने में विश्वास नहीं रखती, जो विधायक वापस गए हैं कांग्रेस में, वह हमारे ही हैं.
उधर, मध्य प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा कि शुरू उन्होंने (कांग्रेस) किया है और खत्म हम करेंगे. उन्होंने कहा कि जो भी विधानसभा में हुआ वो बहुत गलत हुआ. सरकार 15 दिन पहले बताए, हम फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा कि अगर हमारे नंबर 1 और नंबर 2 आदेश दें तो 24 घंटे भी सरकार नहीं चलेगी. वहीं बीजेपी विधायक और पूर्व मंत्री रामपाल सिंह ने कहा कि किसानों के मुद्दे पर चर्चा होनी थी जो कांग्रेस ने होने नहीं दी. अब आगे पार्टी जो भी तय करेगी वो होगा.
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बता दें कि मध्य प्रदेश विधानसभा में बुधवार को दंड विधि संशोधन विधेयक पेश किया गया, जिस पर चर्चा के दौरान बसपा विधायक संजू कुशवाहा ने मत विभाजन की मांग रखी. इस दौरान सत्ता और विपक्ष के सदस्यों के बीच जमकर बहस हुई. जब विधानसभा में मत विभाजन कराया गया तो विधेयक के पक्ष में 122 विधायकों ने वोट दिया. इसमें बीजेपी के दो विधायक भी शामिल थे, जिन्होंने कमलनाथ सरकार के विधेयक का समर्थन किया.
दो विधायकों की क्रॉस वोटिंग और उसके बाद कांग्रेस के पाले में जाने की खबर से बीजेपी में हड़कंप मच गया. बुधवार को पार्टी के तमाम विधायकों ने शिवराज सिंह चौहान और गोपाल भार्गव की मौजूदगी में अपनी शिकायत दर्ज कराई. इस दौरान कई विधायक असंतुष्ट भी नजर आए. इसके बाद पार्टी के करीब दो दर्जन से ज्यादा विधायक शिवराज सिंह चौहान के बंगले पर पहुंचे और पार्टी के प्रदेश नेतृत्व के प्रति नाराजगी जताई. विधायकों का कहना है कि उनकी बात नहीं सुनी जाती और उनकी समस्याएं उठाने के प्रति पार्टी के नेता गंभीर नहीं हैं.
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