मध्य प्रदेश में भारी हंगामे के बीच जिला पंचायतों के अध्यक्ष के चुनाव संपन्न हुए. जिला पंचायत अध्यक्ष बनाने के लिए कई जिला पंचायतों में हाईवोल्टेज ड्रामा देखने को भी मिला. भाजपा इस चुनाव में अपना दबदबा बरकरार रखने में कामय रही. 52 में से 51 जिलों में हुए चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने 41 जिलों में अपने अध्यक्ष बनाए तो वहीं 10 जिलों में कांग्रेस के अध्यक्ष बने. 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव के पहले बड़ी संख्या में अपने समर्थकों को अध्यक्ष बनाने से ग्रामीण क्षेत्रों में भाजपा का पलड़ा भारी दिखाई दे रहा है.
जिला पंचायत चुनाव में सबसे अधिक हंगामा भोपाल में देखने को मिला, जहां कांग्रेस की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने मोर्चा संभाला हुआ था. भाजपा की ओर से नगरीय विकास मंत्री भूपेंद्र सिंह दूसरी ओर से र्मोचा संभाले थे. भोपाल में कांग्रेस समर्थित जिला पंचायत सदस्य को भाजपा का प्रत्याशी बनाकर बीजेपी ने जीत दर्ज कर ली. इसे लेकर दिग्विजय सिंह का पुलिस, प्रशासन और भाजपा नेताओं के साथ जमकर विवाद भी हुआ.
दिग्विजय सिंह ने यह भी कहा कि जिन लोगों ने कांग्रेस से गद्दारी की है उन्हें पार्टी से निष्कासित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि वे जब तक जिंदा हैं उन्हें पार्टी में नहीं आने देंगे. जबलपुर में भी कांग्रेस के पास जिला पंचायत सदस्य अधिक होने के बाद भी वे अपना अध्यक्ष नहीं बना सकी. जबलपुर में भी कांग्रेस के सदस्यों की क्रॉस वेाटिंग से भाजपा का अध्यक्ष बन गया.
वहीं, भाजपा को नर्मदापुरम में झटका लगा. नर्मदापुरम में भाजपा के जिला पंचायत सदस्य अधिक होने के बाद भी क्रॉस वोटिंग के कारण कांग्रेस प्रत्याशी जीत गया. बडवानी में पशुपालन मंत्री प्रेम सिंह पटेल के पुत्र बलवंत पटेल ने भाजपा के ही पूर्व मंत्री अंतर सिंह आर्य की बहू कविता आर्य को हराया, जिसके कारण भाजपा के ही दो गुटों में झूमाझटकी की नौबत आ गई.
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष व्हीडी ने जिला पंचायतों में जीत पर भाजपा कार्यकर्ताओं को बधाई देते हुए इसे ऐतिहासिक जीत बताया. पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि जहां जनता के द्वारा चुनाव हो रहा है तो वहां कांग्रेस जीत रही है. जहां अप्रत्यक्ष चुनाव हो रहा है वहां भाजपा पैसों और प्रशासन का जमकर दुरुपयोग कर रही है.
Source : Nitendra Sharma