मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh ) में भले ही नगरीय निकाय के चुनाव की तारीखों का ऐलान न हुआ हो मगर बीजेपी (BJP) ने इन चुनावों की तैयारी तेज कर दी है. पार्टी अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने तो चुनाव संचालन की समिति भी बना दी है. इस समिति में नगरीय निकाय क्षेत्र के अनुभवी नेताओं को खासी अहमियत दी गई है. राज्य में नगरीय निकाय के चुनाव जल्दी होना प्रस्तावित है, फिलहाल तारीखों का ऐलान नहीं किया गया है. राज्य निर्वाचन आयोग अपने स्तर पर तैयारियों में जुटा हुआ है. कोरोना संक्रमण के चलते मतदान के समय में एक घंटे का इजाफा किया गया है. इस बार मतदान सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक हेागा. एक तरफ जहां राज्य निर्वाचन आयोग चुनाव की तैयारियां कर रहे है वहीं राजनीतिक दल भी अपनी तैयारी में लगे हुए है.
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भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव संचालन समिति का गठन कर दिया है. इस समिति मे नगरीय निकाय के दक्ष नेताओं को जगह ज्यादा दी गई है. इसका संयोजक वरिष्ठ नेता उमाशंकर गुप्ता को बनाया गया है, इसके साथ विधायक रमेश मेंदोला व प्रदेष महामंत्री शरदेंदु तिवारी को सह संयोजक बनाया गया है, इसमें पांच विधायक और एक सांसद है. समिति में सदस्य और चार विशेष आमंत्रित सदस्य बनाए गए हैं.
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नगरीय निकाय चुनाव समिति में सदस्य अलकेश आर्य, समीक्षा गुप्ता, प्रदीप लारिया, शशांक श्रीवास्तव, प्रभात साहू, शेषराव यादव, वीरेंद्र गुप्ता, विनोद यादव, सोनू गहलोत, शैलेंद्र डागा, देवेंद्र वर्मा, अतुल पटेल, कांतदेव सिंह, जयसिंह मरावी व रमेश रंगलानी बनाए गए हैं. समिति में नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह, विधायक रामपाल सिंह, पूर्व महापौर कृष्ण मुरारी मोघे और सांसद विवेक शेजवलकर विशेष आमंत्रित सदस्य बनाए गए हैं.
ज्ञात हो कि पिछले नगरीय निकाय के चुनाव में भाजपा ने सभी 16 नगर निगमों पर कब्जा जमाया था. भाजपा की इस बार भी कोशिश है कि वह नगरीय निकाय चुनाव में बड़ी सफलता हासिल करे. भाजपा ने यह भी रणनीति बनाई है कि ज्यादा से ज्यादा नए लोगों को चुनाव मैदान में उतारा जाएगा. इसके लिए पार्टी के प्रतिनिधि विभिन्न जिलों में जाकर बैठकें कर रहे हैं.
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एक तरफ जहां भाजपा की अपनी तैयारी चल रही है वहीं दूसरी ओर कांग्रेस ने भी अपनी तैयारी शुरु कर दी है. उसके प्रभारी जिलों में जा रहे है और कार्यकर्ताओं से सीधी संवाद भी कर रहे हैं. कुल मिलाकर इस बार नगरीय निकाय चुनाव में भाजपा और कांग्रेस अपनी पूरी ताकत दिखाने की कोशिश में है.
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि केंद्र और राज्य में भाजपा की सरकारें है. शहर की सरकार भी पार्टी की ही हो इसके लिए संगठन और शिवराज सरकार दोनों ही मिलकर कोशिश कर रहे हैं. यह चुनाव भाजपा के लिए प्रतिष्ठा के चुनाव होगे. यही कारण है कि भाजपा ने चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले ही अनुभवी नेताओं की चुनाव संचालन समिति का गठन कर दिया है. इस बार भाजपा को भी लगता है कि कांग्रेस तैयारी से चुनाव मैंदान में जाएगी, इसलिए किसी तरह की चूक या कमजोरी न रहे इसके लिए खास रणनीति बनाई जा रही है.
Source : IANS