इंदौर बैटकांड को लेकर भारतीय जनता पार्टी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बेटे और विधायक आकाश विजयवर्गीय ने माफी मांग ली है. आकाश विजयवर्गीय ने बीजेपी हाईकमान को माफीनामा भेज दिया है. सूत्रों के मुताबिक, अपने माफीनामे में आकाश ने कहा कि वो भविष्य में इस तरह की कोई गलती नहीं करेंगे. बता दें कि इंदौर में बीजेपी विधायक आकाश विजयवर्गीय ने नगर निगम के एक अधिकारी को क्रिकेट के बल्ले से पीटा था. जिसके लिए आकाश को जेल भी जाना पड़ा. हालांकि तीन दिन के बाद आकाश विजयवर्गीय को जमानत पर रिहा कर दिया गया था.
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दरअसल, बैटकांड के बाद इंदौर से विधायक आकाश विजयवर्गीय ने 12 जुलाई को बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह से मुलाकात की थी. उस वक्त उन्होंने मौखिक रूप से कहा था कि आगे से ऐसा नहीं होगा. वहीं सूत्रों की मानें तो अब उन्होंने लिखित में अपना माफीनामा भेजा है और कहा है कि आगे से ऐसी हरकत नहीं होगी.
गौरतलब है कि इस मामले को लेकर खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी नाराजगी जाहिर की थी. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि हम ऐसा कोई नेता नहीं चाहते जो पार्टी की छवि को खराब करे. सूत्रों के अनुसार, ऐसी संभावना थी कि आकाश को पार्टी माफ कर देगी, क्योंकि वो कैलाश विजयवर्गीय के बेटे हैं. लेकिन इसको लेकर भी साथ प्रधानमंत्री ने सख्त लहजे में कहा था कि बेटा किसी का भी हो, ऐसे नेताओं को पार्टी से निकाल देना चाहिए.
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प्रधानमंत्री की सख्त टिप्पणी के बाद भारतीय जनता पार्टी ने विधायक आकाश विजयवर्गीय को कारण बताओ नोटिस जारी किया था. हालांकि पार्टी सूत्रों का कहना था कि आकाश को नोटिस राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के दखल के बाद जारी किया गया. मध्य प्रदेश बीजेपी के अंदर पूरी तरह पसोपेश में थी कि आखिर इस मामले में आकाश पर किस तरह की कार्रवाई की जाए और कैसे की जाए, क्योंकि यह मामला कैलाश विजयवर्गीय के बेटे से जुड़ा हुआ था. लिहाजा नोटिस भेजे जाने के बाद भी पार्टी का कोई भी नेता और पदाधिकारी कुछ भी कहने के लिए सामने आने को तैयार नहीं थे.
आकाश के इस बैटकांड के बाद राज्य की कमलनाथ सरकार पर हर रोज हमले बोलने वाली भारतीय जनता पार्टी अपने बचाव की मुद्रा में आ गई थी. बैठे बिठाए मिले इस मुद्दे को कांग्रेस ने लगे हाथों लिया था. मध्यप्रदेश कांग्रेस ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा था कि कैलाश विजयवर्गीय और अमित शाह के मधुर संबंधों के चलते प्रधानमंत्री की मंशा की भी धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. कांग्रेस ने कहा था कि अराजक और हिंसक 'बल्लामार' विधायक के निष्कासन के बजाय राष्ट्रीय और प्रदेश संगठन लाचार होकर मूकदर्शक बने हुए हैं.
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