मध्य प्रदेश में विधानसभा के उपचुनाव में मिली सफलता के बाद भाजपा ने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ को घेरने की रणनीति पर काम शुरू कर दिया है. इसके लिए पार्टी ने उन पर हमलावर रुख अपनाने का मन बना लिया है. राज्य में हाल ही में हुए विधानसभा के उपचुनाव में भाजपा के निशाने पर कमल नाथ रहे हैं और आगे भी पार्टी की योजना कमल नाथ पर हमलावर रहने की है. आगामी समय में नगरी निकाय और पंचायत के चुनावों में कमल नाथ और उनकी पूर्ववर्ती सरकार निशाने पर रहने वाली है. इसकी पार्टी ने शुरूआत भी कर दी है.
कमल नाथ के खिलाफ मोर्चा खोलने की जिम्मेदारी भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा को सौंपी गई है. यही कारण है कि शर्मा ने अगस्तावेस्टलैंड घोटाले को लेकर कमल नाथ पर बड़ा हमला बोला है. शर्मा का आरोप है कि इस घोटाले के मुख्य आरोपी राजीव सक्सेना के बयान ने यह प्रमाणित कर दिया है कि कमल नाथ और उनका पूरा परिवार इस घोटाले में शामिल रहा है. कांग्रेस को चाहिए कि वह कमल नाथ को सभी पदों से हटाते हुए प्रदेश की जनता से माफी मांगे क्योंकि सब जानते बुझते हुए कांग्रेस ने कमल नाथ को मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाने के साथ पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया था.
कांग्रेस प्रवक्ता दुर्गेश शर्मा का कहना है कि कमल नाथ की सरकार ने 15 माह में जो काम किए हैं वह प्रदेश की जनता के सामने है और भाजपा को आने वाले 3 साल में इससे बेहतर काम करने होंगे जो उसके लिए संभव नहीं है. लिहाजा सिर्फ भाजपा के पास एक ही रास्ता है और वह आरोप व प्रतिशोध की राजनीति करे. इससे कुछ होना जाना नहीं है क्योंकि प्रदेश की जनता जानती है कि कमल नाथ सरकार ने किस तरह से उनके हित में फैसले लिए.
भारतीय जनता पार्टी द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ को घेरने की बनाई गई रणनीति के पीछे राजनीतिक समीक्षकों को एक दीर्घकालिक योजना नजर आती है. राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि भाजपा को कमल नाथ को न्यूट्रलाइज करना होगा क्योंकि कमलनाथ बेहतर प्रबंधन और राजनीतिक तौर पर दक्ष नेता हैं, साधन संपन्न भी हैं. वर्तमान में कांग्रेस के पास राज्य में दो ही प्रमुख नेता हैं -- कमल नाथ और दिग्विजय सिंह. उनमें से दिग्विजय सिंह के पास वह आर्थिक संसाधन नहीं है जो कमल नाथ के पास है और अगर भाजपा कमल नाथ को घेरने में सफल होती है तो उसका रास्ता आने वाले समय में और भी आसान होगा. यही कारण है कि भाजपा ने कमल नाथ को घेरने पर जोर देना शुरू कर दिया है.
Source : IANS/News Nation Bureau