मध्य प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव चल रहे हैं. ऐसे में बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने ही अपने-अपने प्रत्याशियों को घोषित कर उनका चुनाव प्रचार भी शुरू कर दिया है, लेकिन अब पार्टी को भीतरघातियों की चिंता सता रही है. क्योंकि, ये भीतरघाती पार्टी के खिलाफ गुपचुप तरीके से प्रचार कर प्रत्याशियों को नुकसान पहंचा रहे हैं, इसलिए बीजेपी ने इन भीतरघातियों का फिडबैक लेना शुरू कर दिया है. इसके अलावा प्रत्याशियों की शिकायत और मिल रही खुफियां जानकारी पर भी विचार कर ऐसे भीतरघातियों को बाहर का रास्ता दिखाने की तैयारी है.
बागियों पर की गई निष्कासन की कार्रवाई
बीजेपी इस बार नगरीय निकाय चुनाव को लेकर सख्त नजर आ रही है, इसलिए पार्टी से बागी होकर चुनाव लड़ रहे कार्यकर्ताओं पर कार्रवाई भी की है. बीजेपी ने ऐसे सभी कार्यकर्ता जो बागी होकर निर्दलीय चुनाव मैदान में है, उनके खिलाफ कार्रवाई करते हुए 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है.
कांग्रेस में बागी और भीतरघाती सुरक्षित
कांग्रेस की अगर बात करे तो कांग्रेस से भी टिकट न मिलने से कई पार्टी कार्यकर्ता निर्दलीय होकर चुनाव लड़ रहे हैं, लेकिन कांग्रेस ने अभी तक ऐसे किसी भी नेता पर कार्रवाई नहीं की है. भले ही वो निर्दलीय होकर चुनाव लड़ रहे हो या फिर अपनी पार्टी के प्रत्याशियों को छोड़कर विरोधी प्रत्याशियों का साथ दे रहे हो. अब बागियों पर ही कांग्रेस ने कार्रवाई नहीं की तो भीतरघातियों पर कार्रवाई क्या होगी, समझा जा सकता है.
कांग्रेस को निर्दलीयों से समर्थन की उम्मीद
दरअसल, कांग्रेस के कई नेता निर्दलीय होकर चुनावी मैदान में हैं. ऐसे में कांग्रेस ये सोच रही है कि अगर निर्दलीय होकर भी कोई चुनाव जीतता है तो वह कांग्रेस का ही समर्थन करेगा, क्योंकि मानसिकता कांग्रेस की है. और अभी तक कांग्रेस ने बाहर का रास्ता भी नहीं दिखाया तो सदस्यता दिलवाने या वापस बुलाने में कोई परेशानी भी नहीं आएगी.
बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही दलों के प्रत्याशी हैं परेशान
नगरीय निकाय चुनाव में महापौर से लेकर पार्षद पद तक के प्रत्याशी बागियों और भीतरघातियों से परेशान नजर आ रहे हैं, क्योकि ये लगातार उनके लिए चुनाव में गड्डा खोद रहे हैं. ऐसे में पार्टी के शीर्ष नेतृत्व तक बागियों और भीतरघातियों की शिकायत की जा चुकी है, जिसके बाद यह कहा जा सकता है कि जल्द ही बीजेपी अपने भीतरघातियों को सबक सिखाएगी तो वहीं कांग्रेस भी जल्द ही इनकी क्लास लगाएगी.
Source : Jitendra Sharma