भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बागी विधायक नारायण त्रिपाठी मंगलवार को पार्टी दफ्तर पहुंचे और उन्होंने साफ किया कि वह कभी बीजेपी से अलग नहीं हुए थे. ज्ञात हो कि विधानसभा में 25 जुलाई को आए अपराध कानून संशोधन विधेयक का भाजपा ने विरोध किया था और सदन से बहिर्गमन किया था, लेकिन त्रिपाठी और एक अन्य विधायक शरद कोल सदन में बैठे रहे और उन्होंने विधेयक के पक्ष में मतदान किया था. इतना ही नहीं उन्होंने खुले तौर पर मुख्यमंत्री कमलनाथ के प्रति निष्ठा जताई थी.
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त्रिपाठी और कोल के विधेयक को समर्थन दिए जाने के साथ दोनों ने बीजेपी नेताओं पर जमकर हमले बोले थे. लेकिन त्रिपाठी मंगलवार को पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा के साथ बीजेपी कार्यालय पहुंचे. इस दौरान प्रदेशाध्यक्ष राकेश सिंह भी मौजूद थे. राकेश सिंह ने कहा कि राज्य की कांग्रेस सरकार भ्रम फैलाने में लगी है। भाजपा का न तो कोई विधायक टूटा है और न ही ऐसा होगा। त्रिपाठी पार्टी में हैं और रहेंगे.
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वहीं त्रिपाठी ने साफ किया कि वह पहले भी बीजेपी में थे और अब भी है. उन्होंने सरकार बनाने को लेकर जो भी बयान दिए थे, वह बीजेपी की सरकार से संबंधित थे. नारायण त्रिपाठी ने कहा कि विधानसभा में एक विधेयक को लेकर मतदान किया था, बीजेपी से अलग नहीं हुआ. मैं कांग्रेस में कभी गया नहीं हूं, न कभी जाऊंगा. त्रिपाठी ने कहा कि कांग्रेस एक ऐसा दल है, जिसमें न तो नेतृत्व है और न ही कोई नीति है.
Source : आईएएनएस