सफलता का पैमाना व्यक्ति का हुनर और योग्यता होती है न कि उसकी पैदाइश स्थान, यह साबित कर दिखाया है नीमच में जन्मे अक्षत सुराना ने, जिन्हें टी ए पाई यंग मिलेनियल एचआर लीडर अवार्ड से सम्मानित किया गया है. नीमच निवासी सामाजिक कार्यकर्ता और वरिष्ठ पत्रकार जिनेंद्र के पुत्र अक्षत सुराना वर्तमान में अडानी समूह में एचआर मैनेजर के पद पर कार्यरत हैं.
सुराना अपने संस्थान में मानव संसाधन क्षेत्र में नवाचार, रणनीतिक कार्यकलाप और नेतृत्व क्षमता में काम करते हैं और इन क्षेत्रों में उनके द्वारा किए गए श्रेष्ठ कार्य यह सम्मान दिया गया है. अक्षत बताते हैं कि मानव संसाधन क्षेत्र में काम करने वाले 550 से अधिक लोगों ने अवार्ड के लिए आवेदन किया था, इनमें से साक्षात्कार के बाद 21 प्रतिभागियों को इस पुरस्कार के लिए चुना गया. इनमें पांच युवा हैं, जिनको यंग मिलेनियल लीडर का अवार्ड मिला है.
अक्षत ने इंदौर के डेली कॉलेज में पढ़ाई करने के बाद देवी अहिल्याबाई विश्वविद्यालय से बीटेक की उपाधि हासिल की. इसके बाद नागपुर के इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी से एमपी की उपाधि हासिल की. नागपुर में पढ़ते हुए उन्होंने शारीरिक और मानसिक विकलांग बच्चों की मदद के लिए 'किलकारी' नामक एनजीओ गठित किया.
पुरस्कार मिलने पर अक्षत ने कहा, "यह अवार्ड देश के शीर्ष उद्योगपति गौतम अडानी के नेतृत्व वाले अदानी समूह को समर्पित है, क्योंकि यह समूह राष्ट्र निर्माण की सोच के साथ अपने अधिकारियों, कर्मचारियों की नेतृत्व क्षमता विकसित कर मानव संसाधन के क्षेत्र में बेहतर अवसर उपलब्ध कराता है."
यह पुरस्कार इकोनॉमिक टाइम्स और बिजनेस कंसल्टेंट संयुक्त रूप से देते हैं. अक्षत को यह प्रतिष्ठित सम्मान मिलने पर उनके चाहने वालों ने खुशी जाहिर की है. स्थानीय लोगों का कहना है कि अक्षत सुराना बचपन से ही गरीब और जरूरतमंदों के लिए काम करता रहा है, क्योंकि उसके पिता जितेंद्र सुराना भी अपना जन्मदिन अनाथ बच्चों के बीच मनाते हैं.
Source : आईएएनएस