भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) ने मध्य प्रदेश के व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हुए कहा है कि व्यापमं की परीक्षाओं की विश्वसनीयता में गंभीर रूप से कमी आई है।
चर्चित घोटाला व्यापमं पर सीएजी ने कहा है कि मध्य प्रदेश सरकार ने व्यापमं का ऑडिट महालेखाकार से कराने में कभी भी दिलचस्पी नहीं ली है।
सरकार ने सीएजी से ऑडिट यह कहते हुए नहीं कराया कि उनका कार्यालय व्यस्त रहता है, जबकि महालेखाकार के कार्यालय से कोई राय नहीं ली गई थी। सरकार ने स्थानीय स्तर पर ही ऑडिट करा लिया।
मध्यप्रदेश विधानसभा में शुक्रवार को राज्य के वित्तमंत्री जयंत मलैया ने सीएजी के प्रतिवेदन (2016) को सदन के पटल पर रखा। इन प्रतिवेदनों में व्यापम की साख पर सवाल उठाए गए हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि व्यापमं द्वारा जो परीक्षाएं आयोजित की जाती हैं, उनकी विश्वसनीयता में गंभीर रूप से कमी आई है।
इतना ही नहीं, कहा गया है कि दो अधिकारियों डॉ. योगेश उपरीत (2003, कांग्रेस के कार्यकाल) और पंकज त्रिवेदी (2011, बीजेपी के कार्यकाल) की नियुक्तियां मंत्रियों के आदेश पर हुई थी। ये दोनों अधिकारी विभिन्न मामलों में गिरफ्तार किए जा चुके हैं।
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Source : IANS