राजस्थान और मध्य प्रदेश में भारी बारिश के कारण चंबल नदी पर बने तीन बांधों सहित कोटा बैराज से लगभग 26 लाख क्यूसेक भारी मात्रा में छोड़ा पानी गया. चंबल के तटवर्ती इलाकों के 40 गांव बाढ़ की चपेट में है लगभग दो दर्जन से अधिक गांव के लोगों के जीवन पर संकट, जलस्तर बढ़ने से गांवों का संपर्क टूटा. पिनाहट घाट पर खतरे के निशान 130 मीटर को पारकर 136.2 मीटर पहुंचा. महज कुछ घंटे में चंबल नदी का जलस्तर रिकॉर्डस्तर तक बढ़ सकता है. 1996 में चंबल नदी का पानी 136.6 मीटर तक पहुंच गया था.
इस समय दर्जनों गांवों पर बाढ़ का संकट मंडराया है कई गांव बाढ़ से घिरे हुए है, रेहा गांव के ग्रामीण लगातार स्ट्रीमर की कर रहे मांग चंबल नदी के रौद्र रूप में देखने के साथ उसकी फोटो लेने के लिए काफी भीड़ उमड़ रही है. मुख्य मार्गों पर पानी भरने से संपर्क टूटा गया है कई गांव टापू की तरह दिखाई दे रहे हैं गांव के बीच संपर्क बनाने के लिए स्ट्रीमर का सहारा लिया जा रहा है. बचाव दल को लोगों की मदद के लिए भेजा जा रहा है। नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण लोग पलायन करने की तैयारी कर रहे हैं।
Source : Vineet Dubey