70 सालों बाद देश में चीतों के आने का इंतजार कर रहे लोगों केा अभी और सब्र रखना होगा। भारत में नामीबिया और साउथ अफ्रीका से चीता आने में अभी और समय लगेगा। नामीबिया से आठ चीते भारत आना है। सूत्रों के अनुसार इनमें से तीन चीते कूनो पालपुर के नेशनल पार्क के वातावरण के अनुकूल नहीं हैं। इन चीतों के स्थान पर अब दूसरे चीते भारत भेजे जायेंगे ऐसे में अभी कुछ समय और लगेगा।जिन आठ चीतों केा भारत लाने के लिये क्वारेंटाइन किया गया था उनमें से तीन चीते केप्टिव ब्रीड के हैं। यह चीते शिकार करने की क्षमता नहीं रखते हैं। इन्हें कूनो के जंगलों में नहीं छोड़ा जा सकता। कूनो के जंगल में जंगली कुत्ते हैं वहीं राजस्थान से तेंदूए भी इस जंगल में आ जाते हैं। ऐसे में इन चीतों को खतरा हो सकता है। नामीबिया और भारत के वाइल्डलाइफ एक्सपर्ट भी ऐसे चीतों केा भारत नहीं भेजे जाने के पक्ष में नहीं हैं।
भारत भेजे जाने के लिये अब जिन चीतों केा पकड़ा जायेगा उन्हें भी क्वारेंटाइन करना होगा ऐसे में अभी डेढ़ माह का समय चीतों के भारत आने में लग सकता है।
केन्द्रिय वन मंत्रालय ने भी इसी कारण यह साफ कर दिया है कि अभी चीतों केा भारत लाये जाने की तिथि तय नहीं की गयी है।
चीतों की आड़ में वन मंत्री का पर्यटन
साउथ अफ्रीका से भी भारत चीते लाये जाने के लिये अनुबंध ही नहीं हुआ है वहीं वन मंत्री विजय शाह ने साउथ अफ्रीका और तंजानिया का टूर बना लिया है। शाह के साथ वन बल प्रमुख आरके गुप्ता एवं अन्य अधिकारी 22 से 28 अगस्त तक इन दोनों देशों की यात्रा पर रहेंगे।
तंजानिया में सेरेंजेटा और साउथ अफ्रीका में क्रूरगढ़ पार्क का दौरा करेंगें। गुप्ता के अनुसार इस यात्रा का मकसद चीतों केा जंगल में रखने का मैनेजमेंट समझना है। गुप्ता ने कहा कि कूनो के जंगल में चीतों केा किस प्रकार रखा जायेगा इस यात्रा में इसका अध्ययन किया जायेगा। चीते कब आयेंगे यह तिथि भारत सरकार के द्वारा ही तय की जायेगी।
Source : News Nation Bureau