मध्य प्रदेश के कई हिस्सों से चेतावनी के बावजूद बिजली जाने व अघोषित कटौती पर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कड़ी नाराजगी जताई है. उन्होंने गंभीरता दिखाते हुए जिम्मेदार अधिकारियों को कड़ी चेतावनी दी है. उन्होंने कहा कि सरप्लस बिजली होने के बाद प्रदेश के कई हिस्सों से बिजली गुल व कटौती के मामले सामने क्यों आ रहे है ? इस तरह के मामले बर्दाश्त नहीं किये जाएंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि जिम्मेदार अधिकारी स्थिति में सुधार लाएं अन्यथा कड़ी कार्रवाई के लिए तैयार रहें. इसको लेकर उन्होंने जिम्मेदार अधिकारियों की कल एक आवश्यक बैठक भी बुलाई है, जिसमें इन सभी मामलों पर चर्चा की जाएगी.
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रविवार को प्रदेश में कई स्थानों पर तेज आंधी और बारिश के बाद घंटों बिजली गुल व अघोषित कटौती के मामले सामने आए थे. जिस पर मुख्यमंत्री ने कड़ी नाराजगी दिखाते हुए जिम्मेदार अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि किसी भी प्रकार के फॉल्ट या तकनीकी खामी के चलते यदि बिजली वितरण में व्यवधान होता है तो वह समझा जा सकता है, लेकिन बगैर कारण के यदि बिजली गुल रहती है या बिजली कटौती की जाती है तो वह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि आम उपभोक्ताओं को 24 घंटे व कृषि कार्य के लिये कम से कम 10 घंटे बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित हो, इसका विशेष ध्यान रखा जाए. उन्होंने कहा कि मैंने चुनाव के पूर्व भी इस संबंध में कड़े निर्देश दिये थे. कुछ लापरवाह दोषी अधिकारी-कर्मचारियों पर कार्रवाई भी की गयी थी, लेकिन चुनाव के बाद वापस प्रदेश के कई हिस्सों से इस तरह की घटनाएं व मामले सामने आ रहे हैं, जो बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे. जिस अधिकारी-कर्मचारी की लापरवाही सामने आएगी, उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
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बिजली अधिकारियों के बिजली गुल होने पर फोन नहीं उठाने के मामले भी सामने आ रहे हैं, उस में भी सुधार लाने की मुख्यमंत्री ने हिदायत दी है. कमलनाथ ने कहा कि तकनीकी खामी, फॉल्ट ट्रिपिंग जैसे मामले सामने आने पर उसका जल्द से जल्द निराकरण किया जाए. उसको लेकर विशेष सावधानी बरती जाए. उन्होंने कहा कि मेंटेनेंस का कार्य भी सूचना प्रकाशित करवाकर किया जाए. ग्रीष्म ऋतु के इस दौर में जनता को किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़े, इसको लेकर विशेष सावधानी बरती जाए व पर्याप्त इंतजाम किए जाएं.
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मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि जिम्मेदार अधिकारी विद्युत वितरण की प्रतिदिन समीक्षा करें. जनता की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए समय सीमा में उसका निराकरण करें और उसकी प्रतिदिन की रिपोर्ट तैयार करें. उन्होंने निर्देश दिए कि जिम्मेदार अधिकारी कार्यालयों से निकलकर फील्ड में जनता के बीच में जाएं. मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सब समस्याएं हमारी सरकार के पूर्व भी थी. लेकिन वे इसे राजनीति का विषय नहीं बनाना चाहते हैं. वे जनता को किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होने देना चाहते हैं. वे स्वयं विद्युत वितरण व शिकायतों की मॉनिटरिंग करेंगे और इसकी समय-समय पर जिम्मेदार अधिकारियों से रिपोर्ट भी लेंगे.
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