गुना जिले के फतेहगढ़ में खिलौने से खेलने की उम्र में दो बच्चों की शादी कर दी गई. इस शादी में दूल्हा 8 साल का था और दुल्हन 7 साल की थी. बाल विवाह को लेकर पूरा तामझाम हुआ लेकिन प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं लगी. गुना से ही प्रभारी प्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री इमरती देवी हैं. उन्हीं के जिले में इस तरह का गैरकानूनी काम हो रहा था. इसका पता बिल्कुल न चलता अगर एक पक्ष पुलिस में न जाता. दहेज के लेन-देन में जब झगड़ा हुआ तो लड़की का पिता थाने पहुंच गया. फतेहगढ़ के मिरवाड़ा गांव में ये बाल-विवाह हो रहा था. इस बाल विवाह में दोनों पक्षों की रजामंदी थी.
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दोनों परिवारों ने मिलकर शादी की. बाकायदा कार्ड भी छपवाए गए और पूरे रीति रिवाज के साथ मासूमों की शादी हुई. इस बाल विवाह के बारे में पूरे गांव को पता था लेकिन पुलिस-प्रशासन को इसकी खबर नहीं थी. न ही पुलिस इस मामले में कोई एक्शन ले पाई. पूरे मामले का खुलासा उस वक्त हुआ जब मासूम बच्ची के पिता ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय में पहुंच कर शिकायत दर्ज कराई.
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दरअसल शादी के बाद दहेज को लेकर दोनों पक्षों में झगड़ा शुरु हो गया. जिसके बाद गुस्से में लड़की के पिता ने पुलिस में जाकर इस बात की शिकायत कर दी. शादी करने वाले बच्चों की उम्र जानकर पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया. पुलिस ने तुरंत 4 महिलाओं और 7 पुरुषों के खिलाफ FIR दर्ज किया.
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पुलिस ने उस पंडित को भी नही बख्शा जिसने फेरे लगवाए थे. बाल विवाह अधिनियम के तहत फतेहगढ़ थाने में कुल 11 लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया है. पुलिस ने आनन-फानन में 6 आरोपियों को गिरफ्तार करते हुए न्यायालय में पेश किया है. जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया है. बाल विवाह के इस मामले में जिला प्रशासन भी चुप्पी साधे बैठा है.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो