मध्य प्रदेश के अलीराजपुर जिले के खरपई गाव की प्राथमिक विद्यालय में बच्चे स्कूल जाने से डर रहे हैं. बताया गया कि डर के कारण दो महीने 50 से अधिक बच्चे स्कूल नहीं गए. दरअसल स्कूल की हालत पूरी तरह जर्जर हो चुकी है और ऐसी हालत में बच्चे स्कूल में बैठने में असहज महसूस कर रहे हैं. स्कूल की बिल्डिंग पूरी तरह से जीर्णशीर्ण अवस्था में पहुंच चुकी है. बच्चों के माता पिता ने बताया कि कभी भी किसी भी वक़्त बड़ा हादसा हो सकता है, जिसमें बच्चों की जान भी जा सकती है.
स्कूल की शिक्षिका वर्षा परिहार ने बताया के स्कूल की हालत काफी खराब हो चुकी है. बरसात में पानी भी टपकता है, हमने इसकी शिकायत 2 माह पहले जिला शिक्षा अधिकारी महोदय को कर दी थी. जिसके बाद इंजीनियर के सर्वे रिपोर्ट में भी स्कूल की बिल्डिंग को जर्जर बताया गया. वहीं विभाग के अधिकारियों का कहना है कि स्कूल का निर्माण 2006 के दरमियान हुआ है, वह 20 साल के पहले कुछ नहीं होना है और स्कूल को यथावत संचालन के मौखिक आदेश दिए हैं. इस प्राथमिक विद्यालय में 114 बच्चो की संख्या दर्ज है. ऐसे में महज 40 से 50 बच्चे प्रतिदिन स्कूल पढ़ाई के लिए आते है.
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सरपंच की मानैं तो वैकल्पिक व्यवस्था पंचायत भवन में कर दी गई है किन्तु मीटिंग होने से स्कूल पंचायत भवन में नहीं लग सकता है. सप्ताह में 2 दिन मीटिंग रहती है, आगामी दिनों में संचालन की बात कह रहे हैं सरपंच. इस बाबत जिला शिक्षा अधिकारी से जब संपर्क करने की कोशिश की गई तो, कर्मचारियों द्वारा अधिकारी महोदय के फील्ड में होने की बात कही गई.
मध्यप्रदेश सरकार हर बच्चे को शिक्षा प्राप्त हो इसके लिए हर संभव प्रयास कर रही है लेकिन जिले के अधिकारियों को जूं तक नहीं रेंग रही है कि 50 से अधिक बच्चे 2 माह से स्कूल नहीं जा रहे हैं. अलीराजपुर जिले में शिक्षा विभाग के अधिकारी सिर्फ कागजी खाना पूर्ति करने में लगे हुए है. यह इसका सबसे बड़ा उदाहरण है.
Source : Rakesh Chauhan