मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में इन दिनों चल रहे नगरीय निकाय चुनाव (Civic elections) में अनोखे तरीके के प्रचार (Unique campaigning) देखने को मिल रहे हैं. प्रत्याशी (Candidates) प्रचार के अजीबो-गरीब तरीके अपना रहे हैं. लम्बे समय बाद हो रहे चुनाव में प्रत्याशी मतदाताओं को रिझाने के लिए हर तरह के प्रयास कर रहे हैं. कोई प्रत्याशी जादू से कमल खिला रहा है तो कोई लोगों के घरों में जाकर केक काट रहा है. किसी प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार करने के लिए वृंदावन से कलाकार भी बुलाए गए हैं.
8 साल बाद हो रहे हैं यहां चुनाव
मध्यप्रदेश इन दिनों चुनावी रंग में रंगा हुआ है. हर तरफ सिर्फ और सिर्फ चुनावी चर्चा और चुनावी शोर ही सुनाई दे रहा है. दरअसल मध्यप्रदेश में नगरीय निकाय के ये चुनाव करीब 8 सालों के लंबे अंतराल के बाद हो रहे हैं. ऐसे में चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी काफी उत्साहित नजर आ रहे हैं. इस बार नेता अपना प्रचार भी कुछ अलग तरह से कर रहे हैं, ताकि जनता को अपनी और आकर्षित कर सकें. कुछ ऐसी ही प्रचार की तस्वीरें भोपाल में हो रहे नगर निगम चुनाव में देखने को मिल रही हैं, जहां प्रत्याशी विकास के वादों के साथ जनता को रिझाने का भरपूर प्रयास कर रहे हैं.
जादू से खिलाया जाता है कमल का फूल
कई जगहों पर जादू से कमल भी खिलाया जा रहा है, भोपाल में बीजेपी के प्रत्याशियों के पक्ष में भी जगह-जगह जादू दिखाकर विकास का कमल खिलाने का खेल भी लोगों को बहुत भा रहा है. बीजेपी के टिकट से वार्ड-25 से चुनाव लड़ रहे जगदीश यादव के साथ इस बार क्षेत्रिय कार्यकर्ताओं के अलावा मथुरा वृंदावन के कलाकार भी प्रचार में हैं, जो इस समय आकर्षण का केन्द्र बने हुए हैं. प्रत्याशी जहां अपने विकास के वादे बता रहे हैं. तो वहीं उनके समर्थन में आए कलाकार भी ब्रज के गीतों से समा बांध रहे हैं. अलग तरह के चुनाव प्रचार में निर्दलीय भी पीछे नहीं हैं. भोपाल के ही वार्ड-47 से निर्दलीय प्रत्याशी नेहा हेमराज सिंह राय अपने चुनाव चिह्न केक के साथ ही अलग तरह से प्रचार में जुटी हुई हैं. नेहा अपने प्रचार के दौरान केक को साथ लेकर जाती हैं और हर घर में मतदाताओं से केक कटवाकर वोट मांगती हैं.
मतदाताओं को पहले जैसा प्रचार रास नहीं आता
समय के साथ ही नेता अपने प्रचार के तरीकों में भी बदलाव लाए हैं. अब मतदाताओं को भी पहले की तरह किया जाने वाला चुनाव प्रचार रास नहीं आता और मतदाता कुछ नया देखना चाहते हैं. शायद यही वजह है कि जहां सोशल मीडिया में इन दिनों प्रचार छाया हुआ है, तो वहीं अलग-अलग तरह के प्रचार सड़कों पर भी देखने को मिल रहे हैं.
Source : Jeet Sharma