इंदौर मेट्रो प्रोजेक्ट को हरी झंडी मिलने के बाद अब काम में रफ्तार आने वाली है. केंद्र ने इंदौर मेट्रो प्रोजेक्ट को फाइनल मंजूरी दे दी है. सीएम कमलनाथ 14 सितंबर को इस प्रोजेक्ट की आधार शिला रखेंगे. उसके बाद काम शुरु हो जाएगा. पहले फेज में 32 किमी का ट्रैक बिछाया जाएगा जो शहर के बड़े इलाके को जोड़ेगा.
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2022 के अंत तक मेट्रो ट्रेन पटरियों पर दौड़ने लगेगी. माना जा रहा है कि पिछले 5 सालों से कागजों पर दौड़ने वाली इंदौर मेट्रो रेल जल्द ही पटरी पर दोड़ेगी. केंद्रीय मंत्रिमंडल की स्वीकृति मिलते ही मेट्रो रेल का काम शुरु हो जाएगा. इंदौर मेट्रो रेल प्रोजेक्ट में तकरीबन 32 किलोमीटर की रिंग लाइन बनेगी.
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ये रिंग लाइन शहर के बंगाली चौराहा से होते हुए विजयनगर, भौंरासला, एयरपोर्ट होते हुए पलासिया तक जाएगी. पहले फेज के इस काम में 7 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे. मेट्रो के काम में पैसों की कमें से कोई दिक्कत न आए और किसी भी तरह की अड़चन न हो इसके लिए प्रेदश सरकार ने एक हाईपावर कमेटी भी बनाई है.
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प्रदेश सरकार भूमि अधिग्रहण और पुनर्वास में आने वाला पूरा खर्च उठाएगी. प्रोजेक्ट में केंद्र और राज्य की हिस्सेदारी 20-20 प्रतिशत होगी. जबकि इस योजना में इस्तेमाल होने वाला बाकी 60 प्रतिशत धन इंटरनेशनल वित्तीय संस्थाओं से ऋण के रूप में लिया जाएगा. इस ऋण की गारंटी मध्य प्रदेश सरकार देगी. इंदौर मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए एशियन डेवलपमेंट बैंक और न्यू डेवलपमेंट बैंक से कर्ज लिया जाएगा.
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भारत के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर की जनसंख्या करीब 35 लाख है. मेट्रो ट्रेन शुरू होने के बाद से लोगों की आवाजाही और आसान होगी. साथ ही रोड पर ट्रैफिक का दबाव भी कम होगा. मेट्रो ट्रेन कर्मचारियों, छात्रों और पर्यटकों के लिए खासतौर से सुविधाजनक है. एजुकेशन हब बनते जा रहे इंदौर में मेट्रो ट्रेन चलने से छात्रों को सिटी बसों के भीड़-भाड़ वाले आवागमन से राहत मिलेगी.
HIGHLIGHTS
- 35 लाख के करीब है इंदौर शहर की आबादी
- मेट्रो के 20-20 प्रतिशत का शेयर केंद्र और राज्य देंगे
- 60 प्रतिशत धन इंटरनेशनल बैंकों से लिया जाएगा
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो