पश्चिम बंगाल में चक्रवाती तूफान (Cyclone West Bengal) से हुए नुकसान की समीक्षा के लिए आयोजित बैठक में प्रधानमंत्री मोदी को आधे घंटे तक इंतजार कराने और फिर रिपोर्ट सौंपकर बैठक से चले जाने को लेकर बीजेपी नेताओं ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधा है. गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मंत्री गडकरी और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने एक साथ ममता बनर्जी पर हमला बोलते हुए उन्हें अहंकार से बचने की नसीहत दी है. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) ने ममता बनर्जी (Bengal CM Mamata Banerjee) पर हमला बोला है. उन्होंने मुख्यमंत्री के व्यवहार पर सवाल उठाया है.
सीएम शिवराज ने कहा कि मोदी जी भारत के प्रधानमंत्री हैं. पूरा देश उनका अनुसरण करता है. वो लोगों के कल्याण और चक्रवात से प्रभावित जनता का हालचाल जानने बंगाल गए थे. सीएम ममता का आचरण बंगाल के लोगों का अपमान है. ममता पर निशाना साधते हुए उन्होंने आगे कहा कि पीएम बंगाल की जनता की चिंता करमे के लिए वहां पहुंचे थे. बंगाल की जनता लिए उनसे चर्चा होनी थी लेकिन जिस जनता ने ममता को चुना वो ही इस इस पर चर्चा नहीं करना चाहती थी. यह ममता का अंहकार था.
Modi Ji is Prime Minister of India. The entire country follows him. He went to West Bengal for the welfare of people, to know the wellbeing of people affected by the cyclone there. The CM's conduct is an insult to people of Bengal: Madhya Pradesh CM Shivraj Singh Chouhan (28.05) https://t.co/VY4z77sC2m pic.twitter.com/P7GJoNBZ5B
— ANI (@ANI) May 29, 2021
बताया जा रहा है कि शुक्रवार को यास तूफान से हुए नुकसान को लेकर पीएम मोदी के साथ समीक्षा बैठक में सीएम ममता बनर्जी करीब 30 मिनट की देरी से पहुंची. इसके बाद उन्होंने साइक्लोन से हुए नुकसान की रिपोर्ट दी और ये बोलकर बैठक से चली गई कि उन्हें दूसरी मीटिंग में हिस्सा लेना है.
सीएम पर निशाना साधते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, ममता दीदी का आज का आचरण दुर्भाग्यपूर्ण है. चक्रवात 'यास' ने आम जनता को प्रभावित किया है और प्रभावित लोगों की सहायता करना समय की मांग है. दुख की बात है कि दीदी ने अहंकार को जनकल्याण से ऊपर रखा है और आज का क्षुद्र व्यवहार यही दर्शाता है.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, पश्चिम बंगाल का आज का घटनाक्रम स्तब्ध करने वाला है. मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री व्यक्ति नहीं संस्था हैं. दोनों जन सेवा का संकल्प और संविधान के प्रति निष्ठा की शपथ लेकर दायित्व ग्रहण करते हैं. आपदा काल में बंगाल की जनता को सहायता देने के भाव से आए हुए प्रधानमंत्री के साथ इस प्रकार का व्यवहार पीड़ादायक है. जन सेवा के संकल्प व संवैधानिक कर्तव्य से ऊपर राजनैतिक मतभेदों को रखने का यह एक दुर्भाग्यपूर्ण उदहारण है, जो भारतीय संघीय व्यवस्था की मूल भावना को भी आहत करने वाला है.
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केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, पश्चिम बंगाल में हुआ आज का घटनाक्रम निंदनीय है. प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री एक संस्थान हैं जो संविधान के प्रति निष्ठा की शपथ लेकर अपने दायित्वों का पालन करते है. प्रधानमंत्री जी बंगाल की जनता की सहायता के लिए राज्य के दौरे पर हैं, और यह आपदा की घड़ी है, हम सभी को मिलकर इसका सामना करना है. संवैधानिक कर्तव्यों के ऊपर राजनीतिक मतभेद लाना दुर्भाग्यपूर्ण है और इससे भारतीय संघीय व्यवस्था की मूल भावना आहत हुई है.
बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चक्रवात यास के मद्देनजर बंगाल के नागरिकों के साथ मजबूती से खड़े हैं, तब ममता को भी लोगों के कल्याण के लिए अपना अहंकार अलग रखना चाहिए. पीएम की बैठक से उनकी अनुपस्थिति संवैधानिक लोकाचार और सहकारी संघवाद की संस्कृति की हत्या है.