मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में कोरोनावायरस से सबसे ज्यादा संक्रमित शहर इंदौर (Indore) में स्वास्थ्य विभाग की टीम पर हुए हमले को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. उन्होंने कहा कि अराजक तत्वों को किसी भी कीमत पर छोड़ा नहीं जाएगा. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने कहा कि स्वास्थ्य कर्मचारी लोगों की जिंदगी के लिए जरूरी हैं, इसलिए वो अपने काम में जुटे रहें, उनकी संपूर्ण सुरक्षा की ज़िम्मेदारी हमारी है.
उन्होंने आगे कहा, 'इंदौर में हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना में शामिल अराजक तत्वों को किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ा जाएगा. पीड़ित मानवता को बचाने के आपके कार्य में कोई भी बाधा डालेगा तो उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी. इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने लिखा, 'ये सिर्फ़ एक ट्वीट नहीं है. ये कड़ी चेतावनी है... मानवाधिकार सिर्फ मानवों के लिए होते हैं.'
बता दें कि बुधवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम इंदौर के रानीपुरा क्षेत्र में बीमार महिला के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए गई थी, तभी कुछ लोगों ने टीम पर पथराव कर दिया था. पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, रानीपुरा क्षेत्र में चिकित्सा विभाग का दल टाट पट्टी बाखल में कुछ महिलाओं को चेकअप के लिए साथ लेकर अस्पताल पहुंची थी. इसका रहवासियों ने विरोध किया और पुलिस के बैरिकेड तोड़कर टीम पर पथराव कर दिया. लिहाजा स्वास्थ्य कर्मचारियों को वहां से लौटना पड़ा था.
गौरतलब है कि इंदौर में कोरोना वायरस संक्रमण के 12 नये मरीज मिलने के बाद सूबे में इस महामारी की जद में आए लोगों की तादाद बढ़कर 98 पर पहुंच गई है. इनमें से करीब 77 फीसद मरीज अकेले इंदौर के हैं. इसके अलावा, जबलपुर के आठ, उज्जैन के छह, भोपाल के चार और शिवपुरी एवं ग्वालियर के दो-दो मरीजों और खरगोन के एक मरीज में भी कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि हुई है. राज्य में इस महामारी से संक्रमित होने के बाद इलाज के दौरान दम तोड़ने वाले छह मरीजों में इंदौर के तीन, उज्जैन के दो और खरगोन का एक मरीज शामिल हैं.
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