मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भिंड जिले के रावतपुरा धाम में 85 फुट ऊंची शिव प्रतिमा का अनावरण करते हुए कहा कि रावतपुरा धाम एक अद्भुत पवित्र धार्मिक तीर्थस्थल है. इसे तीर्थ पर्यटक सर्किट में जोड़ा जाएगा. मुख्यमंत्री चौहान ने मूर्ति अनावरण कार्यक्रम में कहा कि मानव के जीवन का अंतिम लक्ष्य ईश्वर को प्राप्त करना है. इसके लिए तीन मार्ग हैं, जिनमें ज्ञान मार्ग के माध्यम से वेद, पुराण उपनिषेद एवं गीता के माध्यम से ज्ञान अर्जित करना है, जबकि दूसरा मार्ग ईश्वर की भक्ति का और तीसरा कर्म मार्ग का है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि कर्म मार्ग के रूप में ईश्वर ने मनुष्य को जिस रूप में कार्य करने का अवसर दिया है, उसे पूरी ईमानदारी एवं निष्ठा के साथ करें. उन्होंने कहा कि ज्ञान, भक्ति एवं कर्म के त्रिवेणी का संगम रावतपुरा धाम है. वहीं, राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि रावतपुरा धाम धार्मिक स्थलों का एक केंद्र बन चुका है. भगवान शिव की 85 फीट ऊंची प्रतिमा के यहां आकर दर्शन करने का अवसर मिला है. सिंधिया ने कहा कि रावतपुरा धाम चिकित्सा, शिक्षा एवं समाज-सेवा के क्षेत्र में पूरे मध्यप्रदेश में महत्वपूर्ण उदाहारण प्रस्तुत कर रहा है.
भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष वी.डी. शर्मा ने कहा कि रावतपुरा धाम मध्यप्रदेश ही नहीं, पूरे देश के अंदर विभिन्न क्षेत्रों में कार्य कर अनूठा उदाहारण प्रस्तुत कर रहा है. यहां आने से जो प्रेरणा मिलती है, वह अनुकरणीय है. रावतपुरा धाम आकर चारों धामों के दर्शन करने जैसा अहसास होता है. रावतपुरा धाम धर्म, संस्कृति एवं संस्कार देने का एक बड़ा केंद्र बन रहा है. रावतपुरा धाम के गुरुदेव रविशंकर ने बताया कि रावतपुरा धाम में स्थापित शिव प्रतिमा के समान ही वर्ष 2030 तक 11 अन्य स्थानों पर भी प्रतिमा स्थापित की जाएगी.
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री चौहान की पत्नी साधना सिंह चौहान, ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, नगरीय विकास राज्यमंत्री ओपीएस भदौरिया, सांसद संध्या राय, सांसद केपीएस यादव, सांसद वीरेंद्र खटीक आदि मौजूद थे.
मप्र में महिला रसोईयों को 7 माह से मानदेय नहीं मिला
मध्य प्रदेश के विद्यालयों में मध्यान्ह भोजन योजना में कार्यरत महिला रसोईयों को बीते सात माह से मानदेय नहीं मिला है. इस मसले को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा है. पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष कमल नाथ ने अपने पत्र में कहा है कि मध्यान्ह भोजन योजना में कार्यरत महिला रसोईयों को विगत सात माह से मानदेय नहीं मिला है. मानदेय न मिलने की स्थिति में महिलाओं और उनके परिवार का जीवन-यापन दूभर होता जा रहा है.
पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा कि, "महत्वपूर्ण यह है कि योजना में मानदेय भुगतान के लिये केंद्र से राशि भी प्राप्त हो गई है, लेकिन राज्य सरकार द्वारा राज्यांश की पूर्ति नहीं की गई है ,जिसके कारण अल्प आय वाली महिलाओं का मानदेय जुलाई 2020 से लंबित है. मानदेय न मिलने के कारण इस भीषण मंहगाई के दौर में उनके सामने गहरा संकट उत्पन्न हो गया है."
कमल नाथ ने मुख्यमंत्री चौहान को लिखे गए पत्र में कहा है कि इस विषय की गंभीरता को देखते हुये तत्काल शासन स्तर पर निर्णय लिया जाए और महिला रसोईयों को मानदेय वितरित किया जाए ताकि वे अपने परिवार को पालने के साथ ही अपना कार्य भी समर्पित भाव से कर सकें.
Source : News Nation Bureau