मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ मंदसौर दुष्कर्म पीड़िता को मकान व दुकान देंगे. पूर्व की शिवराज सरकार ने इस संबंध में मौखिक घोषणा की थी, लेकिन कोई औपचारिक आदेश जारी नहीं किया था. जिसके कारण आईडीए ने पीड़िता के परिवार को आवंटित घर व दुकान को ख़ाली करने का निर्देश जारी कर दिये. इस मामले में दोनों दोषियों को फांसी की सजा मिली है. बता दें साल 2018 में अलग-अलग ट्रायल कोर्ट ने 162 मामलों में मृत्युदंड की सज़ा सुनाई. जिसमें से 22 मामले सिर्फ़ मध्य प्रदेश में सुनाए गए. इन 22 मामलों में 7 मामले 12 साल से कम उम्र के बच्चों के साथ हुए रेप से जुड़े हैं"
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CM कमलनाथ के संज्ञान में मामला आते ही उन्होंने इसे गंभीरता से लेते हुए निर्णय लिया कि सरकार पीड़िता के परिवार को मकान - दुकान आवंटित करेगी. बच्ची की पढ़ाई का ख़र्च भी सरकार उठायेगी. बच्ची के परिवार को किसी भी प्रकार की कोई परेशानी नहीं होने दी जायेगी.
हम पूर्व की सरकार की तरह हवा में कोई बात नहीं करते है. लेकिन बड़े ही दुःख की बात है कि जो ख़ुद को बच्चियों के मामा कहते थे , उन्होंने ही इस मानवीय मसले पर भी घोषणा मात्र की. उस पर अमल को लेकर कोई अधिकारिक आदेश नहीं निकलाये. जिसके कारण आज ये स्थिति उत्पन्न हुई. लेकिन हम विधिवत इसके आदेश जारी करेंगे. बच्ची के परिजनों के साथ पूरी सरकार खड़ी है. उन्हें कोई परेशानी नहीं होने दी जायेगी.
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8 साल की दुष्कर्म पीड़िता इस समय तीसरी कक्षा में पढ़ रही है. उसका 26 जून, 2018 को दो लोगों ने मंदसौर में दुष्कर्म किया था. उसका उसके स्कूल के पास से अपहरण किया गया था. उसके साथ दुष्कर्म करने के बाद आरोपी ने उसका गला काट दिया था और उसे मरने के लिए छोड़ दिया था. स्थानीय लोगों को बच्ची खून से लथपथ झाड़ियों में पड़ी हुई मिली थी.
इस घटना पर दुख जताते हुए सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा था, ‘ऐसे लोग धरती पर जीते-जागते दरिंदे हैं जो कि सिर्फ एक बोझ हैं और इन्हें जिंदा रहने का कोई हक नहीं हैं. ' हमनें नाबालिग से रेप के मामलों में पहले ही प्रदेश में फास्ट ट्रैक अदालत में कार्यवाही करने का प्रावधान कर दिया है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट में भी इस प्रकार की कार्यवाही के लिए अनुरोध किया है ताकि ऐसे केसों में आरोपियों के खिलाफ जल्दी से अदालती कार्यवाही पूरी हो सके और उन्हें फांसी पर चढ़ाया जा सके. ’
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स्थानीय लोगों ने पुलिस को घटना की सूचना दी. उसका इंदौर के सरकारी अस्पताल में पांच महीने इलाज चला. दोनों आरोपियों को दोषी पाया गया और उन्हें जुलाई 2018 में मौत की सजा मिली है. लड़की के पिता ने कहा, 'जब राज्य में भाजपा की जगह कांग्रेस सरकार बनी तो बहुत से लोगों ने मुझसे कहा कि मुझे मंदसौर जाना पड़ेगा क्योंकि सरकार बदल गई है. उनकी बातें सही हो गईं. पिछली सरकार ने घर और दुकान के संबंध में कोई औपचारिक आदेश जारी नहीं किया था. '
Source : News Nation Bureau