केंद्र सरकार के हर घर तिरंगा अभियान को लेकर कांग्रेस के समक्ष मुश्किलें खड़ी हो गई हैं. कांग्रेस न तो इस अभियान का समर्थन कर पा रही है और न ही अभियान के खुलकर विरोध कर पा रही है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यह आह्वान किया है कि दलगत राजनीति और धर्म से ऊपर उठकर इस अभियान को सफल बनाएं. चौहान ने कहा कि सारे मतभेद भुलाकर इस अभियान के लिए सभी लोग एक हो जाएं. एक ओर सरकार और भारतीय जनता पार्टी इस अभियान को लेकर उत्साहित है तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस इस मामले में असमंजस की स्थिति में नजर आ रही है.
इस अभियान को लेकर कांग्रेस अपना रुख साफ करने के स्थान पर राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ पर निशाना साध रही है. पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का कहना है कि आरएसएस ने हमेशा तिरंगे का अपमान किया है. अब तिरंगा लगाने का गुप्त एजेंडा क्या है, वे ही बता सकते हैं.
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ का भी कहना है कि जिस दल के लोगों का आजादी की लड़ाई में कोई योगदान नहीं है. जिस दल के लोगों में कोई भी एक महापुरुष नहीं हैं, वे आज तिरंगे के सम्मान की बात कर रहे हैं. तिरंगे के सम्मान के नाम पर वे खुद को देशभक्त बताने का प्रयास कर रहे हैं. कमलनाथ के अनुसार, यह महंगाई, बेरोजगारी से देश का ध्यान मोड़ने का तरीका है.
हालांकि, कांग्रेस का कोई नेता यह नहीं कह पा रहा है कि इस अभियान के तहत वे अपने घर पर तिरंगा नहीं लगाएंगे. कांग्रेस आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर अपने अलग से कार्यक्रम तय कर रही है. कांग्रेस तिरंगा यात्रा निकालने से लेकर शहीदों के स्थलों पर जाने की बात कह रही है, लेकिन घरों पर तिरंगा लगाए जाने को लेकर उसका रुख साफ नहीं हो पा रहा है.
कांग्रेस का रुख साफ न होने के कारण अब भाजपा के नेता भी उनपर हमला करने लगे हैं. मुख्यमंत्री ने पंचायत बेव सीरिज के एक डॉयलाग पर ट्वीट किया है कि देख रहा है विनोद यह कांग्रेसी तिरंगे पर भी राजनीति कर रहे हैं. गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा का भी कहना है कि राष्ट्रध्वज और राम दोनों से कांग्रेस को दिक्कत है. इस कारण जब भी इनका नाम आता है कि कांग्रेस को समस्या होने लगती है.
Source : Nitendra Sharma