मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (Madhya Pradesh Former CM Digvijay Singh) ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM ) की रेमडेसीविर इंजेक्षन की कालाबाजारी करते पकडे गए आकाश दुबे के साथ एक तस्वीर साझा करते हुए हमला बोला है . उन्होंने सवाल किया है, मुख्यमंत्री जी, क्या आकाश को पहचानते है?'' साथ ही उसके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. दिग्विजय सिंह ने शिवराज सिंह चौहान के साथ आकाश की तस्वीर ट्वीट कर कहा कि , जबलपुर 'नर पिशाच' के बाद एक और 'नर पिशाच'. शिवराज जी, आप इस 'नर पिशाच' आकाश दुबे को पहचानते हैं ना? देखते हैं आप क्या कार्रवाई करते हैं.
उन्होंने आगे कहा क्या अंकित सलूजा और दिलप्रीत सलूजा पुत्र गुरबचन सिंह भी भाजपा से ही जुड़े है? भोपाल में दोनों इंजेक्शन की कालाबाजारी में पकड़े गये थे. दिग्विजय सिंह ने भोपाल के नर पिशाचों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की माग की है. बताया गया है कि भोपाल के एक निजी अस्पताल के में कोविड केयर सेंटर के कर्मचारी और मैनेजर रेमडेसीविर इंजेक्शन चोरी कर बाहर बेच रहे थे. पुलिस ने इस मामले में अस्पताल के आईटी विभाग के मैनेजर आकाश दुबे सहित चार आरोपियों को पकड़ा और उनके खिलाफ रासुका के तहत केस दर्ज किया गया. इसके साथ ही इस मामले में इस मामले में दिलप्रीत सलूजा, उसके भाई अंकित सलूजा एवं मेडिकल स्टोर संचालक आकर्ष को पांच इंजेक्शन के साथ रंगे हाथ गिरफ्तार किया है.
जबलपुर “नर पिशाच” के बाद एक और “नर पिशाच”। शिवराज जी आप इस “नर पिशाच” आकाश दुबे को पहचानते हैं ना? देखते हैं आप क्या कार्रवाई करते हैं। pic.twitter.com/18xrSmDscu
— digvijaya singh (@digvijaya_28) May 16, 2021
आपको बता दें कि इसके पहले मध्य प्रदेश में कोरोना के संकट के बीच कई नेताओं का अमानवीय चेहरा सामने आया है. खादी में समाज सेवक की भूमिका निभाने का दावा करने वाले खुद ही दवाओं की कालाबाजारी में जुट गए , इतना ही नहीं कोरोना के जीवन रक्षक रेमडेसीविर इंजेक्शन के नाम पर नकली इंजेक्शन बेचने में हिचके नहीं. ऐसे लोग पुलिस की गिरफ्त में भी आए हैं. राज्य सरकार नकली दवाओं के गोरखधंधे में शामिल लोगों को आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान करने जा रही है. वहीं कांग्रेस ने सवाल उठाया है कि ऐसे लोगों को किस का संरक्षण है यह भी सामने आए. राज्य के अलग-अलग हिस्सों में राजनीतिक दलों से जुड़े लोगों के अस्पताल और दवाओं की दुकानें हैं. इनमें से कई लोग अपने राजनीतिक रसूख का इस्तेमाल कर महामारी के दौर में अपनी जेब भरने में लगे हैं.
कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए रेमडेसीविर इंजेक्शन को जीवन रक्षक माना गया है और इसी का लाभ मुनाफाखोरों ने उठाने की कोशिश की. इंजेक्शन में ग्लूकोज भरकर 25 हजार तक में बेचा गया है. जबलपुर के एक अस्पताल के डायरेक्टर समेत चार लोगों को नकली रेमडेसीविर दवा खरीदने और मरीजों को देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. आरोपी सरबजीत सिंह मोखा विश्व हिंदू परिषद नर्मदा डिविजन का अध्यक्ष भी था. उसे तमाम पदों से विहिप ने हटा दिया है. इसी तरह का मामला रतलाम में सामने आया है जहां कथित तौर पर भाजपा के पदाधिकारी को ऑक्सीमीटर की कालाबाजारी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने राजेश् माहेश्वरी को आक्सीमीटर ज्यादा दाम में बेचने के आरोप में पकड़ा है.
HIGHLIGHTS
- पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह का सीएम शिवराज पर हमला
- कोविड की दवाओं की कालाबाजारी को लेकर बोला हमला
- ट्वीट कर पूछा इसे तो जानते होंगे ना आप देखते हैं सजा मिलती है या नहीं