बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा को मध्य प्रदेश विधानसभा का प्रोटेम स्पीकर बनाया गया है. शर्मा की नियुक्ति पर कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं और इसे अवैध करार दिया है. राज्य पिछड़ा वर्ग के आयोग के अध्यक्ष जेपी धनोपिया का कहना है कि राज्य में बीजेपी द्वारा सभी लोकतांत्रिक परम्पराओं को दर किनार किया जा रहा है. प्रोटेम स्पीकर उस विधायक को बनाया जाता है जो वरिष्ठ हो और पिछले पांच साल के कार्यकाल में स्पीकर की पैनल में उसने काम किया हो मगर रामेश्वर शर्मा इस मापदंड केा पूरा नहीं करते हैं, ऐसे में उनकी नियुक्ति अवैध है जिसे तत्काल निरस्त किया जाना चाहिए.
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तत्कालीन प्रोटेम स्पीकर जगदीश देवड़ा की मंत्री पद की शपथ दिलाई गई है. धनोपिया का कहना है कि देवड़ा की मंत्री पद पर नियुक्ति गलत है क्योंकि प्रोटेम स्पीकर की किसी अन्य पद पर नियुक्ति हो ही नहीं सकती जबकि देवड़ा ने दो जुलाई को सुबह 11 बजे मंत्रिपद की शपथ ले ली और शाम को चार बजे प्रोटेम स्पीकर के पद से त्यागपत्र दिया है. इस घटना क्रम की सर्व दलीय कमेटी गठित कर जाँच कराना चाहिए और देवड़ा केा तत्काल मंत्रिपद से हटाना चाहिए.
बता दें कि रामेश्वर शर्मा वर्तमान में भोपाल जिले की हुजूर विधानसभा सीट से बीजेपी के विधायक हैं. जानकारी के मुताबिक, शर्मा इस बार मंत्री पद के भी दावेदार थे, लेकिन गुरुवार को हुए कैबिनेट विस्तार में उन्हें शामिल नहीं किया गया, इसके बाद से वे पार्टी नेतृत्व से नाराज हैं. माना जा रहा है कि शर्मा की इसी नाराजगी को दूर करने के लिए उन्हें प्रोटेम स्पीकर बनाया गया है.