मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमण की धीमी पड़ती रफ्तार के बीच आम जिंदगी को पटरी पर लाने की कवायद तेज हो चली है. आगामी एक जून से बाजार खोलने की तैयारी है. इसके लिए सरकार ने खास रणनीति तो बनाई ही है, साथ ही गाईड लाइन भी तय कर दी है. राज्य के 52 जिलों में से सिर्फ चार जिले इंदौर, भोपाल, सागर व मुरैना ही ऐसे है जहां पॉजिटिविटी दर पांच प्रतिशत से ज्यादा है. बाकी 48 जिलों में संक्रमण की दर पांच प्रतिशत से नीचे चली गई है. संक्रमण के लिहाज से इन जिलों केा दो श्रेणी में बांटा गया है, एक वे जिले जहां पांच प्रतिशत से ज्यादा संक्रमण है, दूसरे पांच प्रतिशत से कम संक्रमण वाले जिले. दोनों के लिए अलग-अलग गाईडलाइन तय की गई है.
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राज्य में बाजार खोलने से लेकर आम लोगांे को किस तरह की सहूलियत दी जाए, इसके लिए आवश्यक अनुसंशाए करने मंत्री समूह बनाए गए थे. इन मंत्री समूहों ने अपनी अनुसंशाए सौंपी और उसी के आधार पर सभी जिला क्राइसिस मैनजमेंट समूहों को भिजवाया गया है.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के अनुसार, इन अनुसंशाओं पर सभी क्राइसिस मैनेजमेंट समूह चर्चा कर अनलॉक प्रक्रिया के संबंध में निर्णय लेकर 31 मई को जन-सामान्य को अवगत करा देंगे.
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश के पांच प्रतिषत से अधिक संक्रमण वाले और पांच प्रतिशत से कम संक्रमण वाले जिलों के लिए अनलॉक की पृथक-पृथक गाइड लाइन होगी. यदि कही भी संक्रमण बढ़ता है तो प्रतिबंध पुन लागू किए जाएंगे.
सूत्रों की मानंे तो सरकार ने जो गाईड लाइन तय की है,उसमें फिलहाल कॉलेज, स्कूल, कोचिंग, शापिंग मॉल, सिनेमाघर आदि को खेालने पर अभी कोई राय नहीं बनी है. बाजार जरुर तय समय पर खुलेंगे और बंद होंगे. हर शनिवार रात 10 बजे से सोमवार सुबह छह बजे तक जनता कर्फ्यू जारी रहेगा. शिक्षण संस्थाएं खोलने पर अपनी अनुसंशाए देने के लिए मंत्री समूह बनाया गया है. वहीं सार्वजनिक, मनोरंजन, धार्मिक कार्यक्रम, मेला आदि की अनुमति नहीं होगी. मंदिरों में एक समय पर चार से ज्यादा लोग नहीं जा सकेंगे. अंतिम संस्कार में 10 और वैवाहिक समारोह में दोनों पक्षों के कुल 20 लोग ही हिस्सा ले सकेंगे.
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि कोरोना के विरूद्ध लड़ाई को प्रदेश में जन-आंदोलन बनाना है. हर व्यक्ति कोविड अनुसार व्यवहार करे और सभी का टीकाकरण किया जाए. हर व्यक्ति अपने परिवार, गाँव व शहर को कोरोना संक्रमण से बचाए. मास्क लगाने, दूरी रखने, बार-बार हाथ साफ करने आदि को अपने जीवन का अनिवार्य हिस्सा बनाना होगा.
प्रशासन का जोर इस बात हेागा कि एक भी संक्रमित मरीज बाहर न घूमे. अधिक से अधिक टेस्टिंग कर हर मरीज की पहचान की जाएगी और हर कोविड मरीज को होम आइसोलेशन, कोविड केअर सेंटर में रखना है और जरूरत होने पर अस्पताल में इलाज होगा. जहाँ भी संक्रमण होगा वहाँ माइक्रोकंटेनमेंट क्षेत्र बनाए जाएंगे, हर पॉजिटिव मरीज की कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग की जाएगी.
मुख्यमंत्री चौहान ने अधिकारियों केा निर्देश दिए कि ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में संक्रमण अनुसार रेड, ग्रीन एवं यलो जोन बनाए जाएं और उसके अनुसार प्रतिबंध लागू रहें. दो या चार घरों पर भी माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाए जा सकते हैं. संक्रमण को किसी भी हालत में फैलने न दें.