मध्यप्रदेश में कोरोना मरीजों के नि:शुल्क इलाज के लिए नई योजना लागू की जा रही है. इसके अंतर्गत प्रदेश के गरीब एवं आम आदमी से लेकर मध्यम वर्गीय व्यक्ति को भी कोरोना का इलाज अनुबंधित निजी अस्पतालों में मुफ्त मिल सकेगा. यह ऐलान राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किया है. मुख्यमंत्री चौहान ने अपने निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोरोना नियंत्रण कोर ग्रुप की बैठक में कहा कि कोरेाना इलाज की योजना के क्रियान्वयन के लिए आयुष्मान भारत योजना पर निजी अस्पतालों को राज्य सरकार द्वारा विशेष पैकेज दिया जाएगा. सरकार निजी अस्पतालों को कोविड इलाज के लिए अनुबंधित करेगी.
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि योजना के अंतर्गत सीटी स्कैन आदि जांचें भी निशुल्क होंगी तथा दवाएं, रेमडेसिविर इंजेक्शन, ऑक्सीजन आदि भी नि:शुल्क मिलेंगे.
प्रदेश में अभी तक आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत दो करोड़ 42 लाख कार्ड बनाए गए हैं, जिसमें 88 प्रतिशत जनसंख्या आती है. इन सभी को शासन द्वारा अनुबंधित अस्पतालों में कोरोना का नि:शुल्क इलाज मिल सकेगा. प्रदेश में वर्तमान में आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत 328 निजी चिकित्सालय संबद्ध हैं, जिनमें 23 हजार 946 बेड उपलब्ध हैं. सरकार द्वारा आयुष्मान भारत योजना अंतर्गत प्रदेश के 68 निजी चिकित्सालयों को अगले तीन महीने के लिए संबद्ध किया गया है.
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प्रत्येक जिले के निजी अस्पतालों में नि:शुल्क इलाज मिल सके, इसके लिए कलेक्टरों को अधिकार दिए गए हैं कि वे अपने जिले के निजी अस्पतालों को आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत अस्थायी रूप से संबद्ध कर सकेंगे. इससे इन सभी निजी अस्पतालों में, जहां वर्तमान में कोरोना का इलाज किया जा रहा है, आयुष्मान कार्ड धारियों को कोरोना का नि:शुल्क इलाज मिल सकेगा.
सरकार ने निर्णय लिया है कि आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत यदि परिवार के एक सदस्य के पास आयुष्मान कार्ड है, तो परिवार के अन्य सदस्यों को भी नि:शुल्क उपचार की सुविधा मिल सकेगी. कोविड इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती होने पर कलेक्टर उसका आयुष्मान कार्ड बनवाने की व्यवस्था करेंगे.
निजी अस्पताल कोविड का इलाज इस योजना के अंतर्गत अच्छे तरीके से कर सकें, इसके लिए सरकार द्वारा आयुष्मान भारत पैकेज की दरों को 40 प्रतिशत बढ़ाया गया है. इन दरों में रूम रेंट, भोजन, जांचें, परामर्श शुल्क, पैरामेडिकल शुल्क आदि सभी शामिल हैं.