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एमपी में कमजोर पड़ी कोरोना की रफ्तार, 24 घंटे में 1 हजार से कम केस

राज्य में भोपाल, इंदौर के अलावा उज्जैन, जबलपुर और ग्वालियर कोरोना महामारी के मामले में हॉटस्पॉट में बदल गए थे. इंदौर और भोपाल में तो 300 से 400 मरीज 24 घंटे में सामने आ रहे थे, मगर बीते एक सप्ताह में इस स्थितियों में बदलाव आ रहा है.

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Shailendra Kumar
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प्रतीकात्मक फोटो

एमपी में कमजोर पड़ी कोरोना की रफ्तार( Photo Credit : IANS)

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मध्य प्रदेश में कोरोना महामारी का संक्रमण गिरते क्रम में है. बीते एक सप्ताह में 24 घंटे की अवधि में एक हजार से कम नए मरीज सामने आने पर शासन-प्रशासन से लेकर आम लोग राहत की सांस ले रहे हैं, वही प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने की हिदायतें दी है, साथ ही ज्यादा मेल मिलाप न करने की सलाह दी है, क्योंकि मौसम बदल रहा है और बीमारी का खतरा बना हुआ है.

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इन जिलों में अच्छे परिणाम

राज्य में भोपाल, इंदौर के अलावा उज्जैन, जबलपुर और ग्वालियर कोरोना महामारी के मामले में हॉटस्पॉट में बदल गए थे. इंदौर और भोपाल में तो 300 से 400 मरीज 24 घंटे में सामने आ रहे थे, मगर बीते एक सप्ताह में इस स्थितियों में बदलाव आ रहा है. वर्तमान में 24 घंटों में जितने मरीज बीमार हो रहे हैं उससे कहीं ज्यादा मरीजों के स्वस्थ होने का सिलसिला जारी है.

बीते एक सप्ताह यानी 28 अक्टूबर से तीन नवंबर तक की कोरोना की स्थिति पर गौर किया जाए तो एक बात साफ हो जाती है कि राज्य में 24 घंटे में अधिकतम 788 मरीज आए हैं वहीं इसी अवधि में स्वस्थ होने का आंकड़ा 1,117 तक रहा है. दोनों प्रमुख शहर इंदौर और भोपाल ऐसे हैं जहां पहले के मुकाबले मरीज कम आ रहे हैं. इंदौर में तो इन सात दिनों में एक भी दिन 200 मरीज नहीं आए, जबकि भोपाल में इसी अवधि में दो दिन 200 से ज्यादा मरीज बढ़े हैं.

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त्यौहारों में प्रशासन की बढ़ी टेंशन
इन दिनों त्योहार का मौसम चल रहा है और प्रशासन के सामने इस बात की चिंता सताने लगी है कि लोग कहीं कोरोना की रोकथाम के लिए अपनाए जा रहे एहतियाती कदमों को ही लोग त्याग न दें. यही कारण है कि प्रशासन लगातार लोगों से इस बात का अनुरोध कर रहा है कि वह उन तरीकों का अपनाए रखें जो उन्होंने इस बीमारी से बचाव के लिए अब तक अपनाए हैं.

कोरोना के मरीजों की संख्या कम होने से राज्य में आम जिंदगी भी पटरी पर लौटने लगी है और बाजारों में चहल-पहल भी बढ़ गई है तो वही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने से लोग कतरा रहे हैं, मास्क का भी कम उपयोग हो रहा है और यही स्थिति प्रशासन के लिए चिंता का सबब बनी हुई है. त्योहारों का मौसम हेाने के कारण बाजारों में भी चहल-पहल बढ़ गई है.

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दो गज की दूरी है जरूरी

भोपाल के जिलाधिकारी अविनाश लवानिया का कहना है कि कोरोनावायरस संक्रमण के खतरे के बीच त्यौहार इत्यादि आने के कारण लोगों में मिलना-जुलना और एकत्रित होना आरंभ हो गया है. शीत ऋतु भी आ गई है, जिसके कारण तापमान कम हो जाता है और वह वायरस प्रसार के लिए उपयुक्त होता है. इसलिए जरुरी है कि कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए दूर से अभिवादन करें, न किसी से हाथ मिलाएं न गले मिलें. आपस में दो गज की दूरी जरूर रखें. घर से बाहर निकलने पर हमेशा मास्क पहनें. बार-बार अपनी आंख नाक और मुंह को छूने से बचें. खांसते और छींकते समय अपने मुंह तथा नाक को ढंक कर रखें, श्वसन संबंधी शिष्टाचार का पालन करें. बार-बार साबुन तथा पानी अथवा अल्कोहल युक्त सेनिटाईजर से हाथों को धोएं.

Source : IANS/News Nation Bureau

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