देशभर के अन्य राज्यों से प्रवासी मजदूरों के आने के बाद से मध्यप्रदेश में कोरोना वायरस (CoronaVirus Covid-19) वैश्विक महामारी शहरों के बाद अब 50 जिलों के 462 गांवों में भी दस्तक दे चुकी है और इन गांवों में अब तक 951 लोग संक्रमित पाए गए हैं, जिनमें से 32 लोगों की मौत हो चुकी है. गांवों में स्वास्थ्य सेवाएं शहरों जितनी अच्छी नहीं हैं, इसलिए वहां इस पर काबू पाना सरकार के लिए बड़ी चुनौती होगी. मध्यप्रदेश के लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने दो दिन पहले दावा किया कि भोपाल शहर को छोड़कर पूरा मध्यप्रदेश कोविड-19 बीमारी से लगभग संभल गया है.
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एमपी सरकार के पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग की कोविड—19 संबंधी ताजी रिपोर्ट के अनुसार, 'अब तक मध्यप्रदेश के 462 गांवों में कोरोना वायरस के मरीज पाए गए हैं. इन संक्रमितों में से 479 श्रमिक हैं और 472 अन्य ग्रामीण हैं. इनमें से 32 लोगों की मौत हो चुकी है.'
इसमें कहा गया है कि 21 मई को गांवों में 336 लोग संक्रमित थे, जिनमें से 130 श्रमिक और 206 अन्य ग्रामीण थे. इस प्रकार विश्लेषण करने पर पता चलता है कि पिछले 22 दिनों में गांवों में संक्रमितों की संख्या करीब तिगुनी हो गई है. रिपोर्ट के अनुसार कोविड—19 की जांच के लिए लिए ग्रामीण इलाकों के 29,881 लोगों के नमूने अब तक लिए गये हैं. इनमें से 26,422 लोगों की रिपोर्ट आ गई है, जिनमें से 951 संक्रमित पाए गए हैं. वहीं 21 मई को प्रदेश के 186 गांवों में कोरोना वायरस के मरीज पाये गये थे.
यह संक्रमण पिछले 22 दिन में बढ़कर 462 गांवों में फैल गया. इस प्रकार कोराना वायरस की चपेट में पिछले 22 दिनों में 276 नये गांव आये. रिपोर्ट के अनुसार इंदौर जिले के बांक गांव में सबसे अधिक 22 मामले सामने आये हैं. इनमें से छह मरीजों की मौत हो गई है. इंदौर जिले के ही बढ़ोदिया खान गांव में 19 लोग कोविड—19 के संक्रमित पाये गये हैं.
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इसके अलावा, नीमच जिले के उम्मेदपुरा गांव में 34 ग्रामीण इस महामारी से संक्रमित पाये गये हैं, जिनमें से एक की मौत हो चुकी है. वहीं, खरगोन जिले के एक गांव शहपुरा में 16 लोग संक्रमित पाये गये हैं, जिनमें से दो की मौत हो चुकी है.
रायसेन जिले के अल्ली गांव में अब तक 19 लोग इस महामारी की चपेट में आ चुके हैं, जबकि धार जिले के डेहरी गांव में 16, छतरपुर जिले के कालापानी गांव में 14, डिण्डोरी जिले के शहपुरा गांव में 12, सीधी जिले के कोल्हूडीह गांव में 11, मुरैना जिले के पिपरीफुट गांव में 11 और दमोह जिले के रसीलपुर गांव में 10 लोग कोविड—19 से संक्रमित पाये गये हैं.
रिपोर्ट के अनुसार मध्यप्रदेश के 52 जिलों में से 50 जिलों में कोरोना वायरस दस्तक दे चुका है. जिन दो जिलों के गांवों में यह महामारी नहीं पहुंची है, वे होशंगाबाद और निवाड़ी हैं. इसमें कहा गया है कि इंदौर जिले के गांवों में इस बीमारी के सबसे अधिक 90 मामले सामने आये हैं, जिनमें से आठ गांवों में कुल 14 लोगों की मौत हुई है.
वहीं, खरगोन जिले के गांवों में 51, भिण्ड जिले के गांवों में 50, नीमच जिले के गांवों में 43, ग्वालियर जिले के गांवों में 42 और बुरहानपुर जिले के गांवों में 41 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाये गये हैं. मुरैना और देवास जिलों में 36—36, छतरपुर और बैतूल में 35—35, सागर में 33, छिन्दवाड़ा में 30, डिंडोरी में 29, रीवा में 27, रायसेन में 26, दमोह में 25, जबलपुर और अनूपपुर में 24—24, धार में 23, श्योपुर में 22, विदिशा में 19, सतना में 18, पन्ना में 17, सीधी और अशोकनगर में 15—15 है.
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नरसिंहपुर में 14, सिंगरौली और बालाघाट में 12—12, उमरिया और खंडवा में 10—10, दतिया में नौ, टीकमगढ़, शिवपुरी और शहडोल आठ-आठ, शाजापुर में सात, मंदसौर और भोपाल में छह-छह, मंडला में पांच, झाबुआ और बड़वानी में चार-चार, उज्जैन, सीहोर, राजगढ़, हरदा और गुना में तीन-तीन, सिवनी और अलीराजपुर में दो-दो और रतलाम, कटनी और आगरमालवा में एक-एक ग्रामीण संक्रमित हैं.
मध्यप्रदेश के अपर मुख्य सचिव (पंचायत और ग्रामीण विकास) मनोज श्रीवास्तव ने शनिवार को बताया कि राज्य सरकार गांवों में कोरोना वायरस से निपटने के लिए हर संभव कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा कि अभी तक 14.82 लाख से अधिक मजदूर अन्य राज्यों से मध्यप्रदेश लौटे हैं. गांवों में प्रवासी मजदूरों और अन्य ग्रामीणों सहित करीब 12,04,315 लोगों को पृथकवास में रखा गया है. मध्यप्रदेश में अब तक कुल 10,433 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाये गये हैं. इनमें से 440 लोगों की मौत हो चुकी है.