देश में कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में शामिल इंदौर में इस महामारी का प्रकोप कायम है. जिले में पिछले 24 घंटे के दौरान कोविड-19 के 87 नये मामलों की पुष्टि के साथ ही इस बीमारी के मरीजों की तादाद 3,344 से बढ़कर 3,431 हो गयी है. मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) प्रवीण जड़िया ने शनिवार को यह जानकारी दी. उन्होंने यह भी बताया कि कोरोना वायरस से संक्रमित 54 वर्षीय महिला समेत तीन मरीजों की अलग-अलग अस्पतालों में इलाज के दौरान मौत हो गयी.
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इसके बाद जिले में इस महामारी की चपेट में आकर दम तोड़ने वाले मरीजों की तादाद बढ़कर 129 पर पहुंच गयी है. अधिकारियों के मुताबिक इनमें शामिल 50 वर्षीय पुरुष ने शहर के एक निजी अस्पताल में 19 अप्रैल को दम तोड़ा था. लेकिन उसकी मौत की जानकारी स्वास्थ्य विभाग के शुक्रवार (29 मई) को देर रात जारी मेडिकल बुलेटिन में दी गयी यानी इस मौत का खुलासा 40 दिन बाद किया गया. इस देरी के बारे में पूछे जाने पर सीएमएचओ ने कहा कि हमें कोविड-19 से 50 वर्षीय पुरुष की मौत की जानकारी निजी अस्पताल से शुक्रवार को ही मिली. हम अस्पताल को नोटिस जारी कर जवाब तलब करेंगे कि इस मामले की सूचना देरी से क्यों दी गयी?
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जिले में कोविड-19 से मरने वाले लोगों का आधिकारिक ब्योरा देरी से दिये जाने को लेकर स्वास्थ्य विभाग पर लगातार सवाल उठ रहे हैं. गैर सरकारी संगठनों का आरोप है कि विभाग इन मौतों का खुलासा "अपनी सुविधानुसार" कर रहा है. कोविड-19 का प्रकोप कायम रहने के कारण मद्देनजर इंदौर जिला रेड जोन में बना हुआ है. जिले में इस प्रकोप की शुरुआत 24 मार्च से हुई, जब पहले चार मरीजों में इस महामारी की पुष्टि हुई थी.
Source : Bhasha