मध्य प्रदेश कांग्रेस में इस्तीफे का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. कांग्रेस के एक और कद्दावर नेता ने शुक्रवार को इस्तीफा दे दिया है. मध्य प्रदेश कांग्रेस के महासचिव दीपक बाबरिया ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने लोकसभा 2019 में मिली करारी हार की जिम्मेदारी ली है. जिम्मेदारी लेते हुए उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. पार्टी को जितनी उम्मीद थी सीट मिलने की, उम्मीद के मुताबिक सीटें मिलीं नही.
वहीं मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने 2018 के विधानसभा चुनाव में शानदार जीत दर्ज की थी. जिसकी बदौलत राज्य में 15 सालों से जारी बीजेपी सरकार के उखाड़ा फेंका था. 15 साल के बाद कांग्रेस की सरकार बनी थी. लेकिन कुछ महीनों बाद हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा. कांग्रेस बुरी तरह से चुनाव में पिट गई. जिसकी वजह से महासचिव दीपक बाबरिया ने इस्तीफा दे दिया.
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इससे पहले मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी पार्टी की हार की जिम्मेदारी ली है. उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली हार के लिए मैं जिम्मेदार हूं. मुख्यमंत्री कमलनाथ के बयान के बाद नए प्रदेश अध्यक्ष की चर्चा तेज हो गई है. वहीं दीपक बाबरिया से पहले शुक्रवार को ही पार्टी के राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने कांग्रेस के विधि और सूचना अधिकार विभाग के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया.
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कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इससे पहले कहा था कि मुझे इस बात का दुख है कि मेरे इस्तीफे देने के बाद किसी ने भी हार की जिम्मेदारी ली और न ही इस्तीफा दिया. इसके बाद प्रदेश की राजनीति में गर्म हो गई. मध्य प्रदेश में इस्तीफे की दौड़ चल गई है जो रुकने का नाम नहीं ले रहा है.
HIGHLIGHTS
- मध्य प्रदेश कांग्रेस महासचिव ने दिया इस्तीफा
- लोकसभा चुनाव में मिली हार की जिम्मेदारी ली
- राज्य सभा सांसद ने भी दिया इस्तीफा