मध्य प्रदेश के कैबिनेट मंत्री उमंग सिंघार से विवाद के बाद अब पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने चुप्पी तोड़ी है. उन्होंने कहा है कि वो इस पूरे प्रकरण को पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और मुख्यमंत्री कमलनाथ पर छोड़ते हैं. उन्होंने कहा कि जो भी चार पांच दिन से सामने आ रहा है, उस पर जो कुछ करना है वो सोनिया गांधी और कमलनाथ को करना है.
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राजधानी भोपाल में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए दिग्विजय सिंह ने भारतीय जनता पार्टी पर भी हमला बोला. उन्होंने कहा कि उनकी राजनीतिक लड़ाई बीजेपी से है. ये वो विचारधारा है जिसने महात्मा गंधी की हत्या की. आईएसआई से पैसे लेने वाले बयान पर सफाई देते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि ये जब शुरू हुआ जब मैंने बात कही कि बीजेपी के ध्रुव सक्सेना आईएसआई से पैसा लेते हुए पकड़े गए.
इससे पहले दिग्विजय सिंह ने सीएम कमलनाथ से मुलाकात की. दोनों नेताओं के बीच करीब आधा घंटा बातचीत हुई. माना जा रहा है कि आज उमंग सिंघार और दिग्विजय सिंह के बीच भी मुलाकात हो सकती है. पूरे विवाद को लेकर दिग्विजय सिंह ने उमंग सिंगार से मिलने का समय मांगा है. हालांकि उमंग सिंघार ने मुख्यमंत्री कमलनाथ और प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया की हिदायत के बाद किसी तरह का बयान नहीं दिया है. इस मुलाकात की जानकारी उमंग सिंघार ने खुद News State को दी थी. उन्होंने कहा था कि 6 सितंबर (आज) को उनका इंतजार करूंगा.
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बता दें कि राज्य में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह द्वारा कमलनाथ सरकार के मंत्रियों को पत्र लिखकर चर्चा के लिए समय मांगा था और यह पत्र वायरल भी हुआ था. इस पर वन मंत्री उमंग सिंघार ने सख्त ऐतराज जताते हुए सोनिया गांधी को पत्र लिखा था. सूत्रों ने बताया कि सिंघार ने पार्टी अध्यक्ष के अलावा प्रदेश पार्टी प्रभारी बावरिया को भी खत लिखा था, जिसमें दिग्विजय सिंह पर गंभीर आरोप लगाए थे. पूर्व मुख्यमंत्री सिंह पर लगाए गए आरोपों पर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सिंघार को तलब किया था और उन्हें बयानबाजी से बचने के निर्देश दिए थे. इसी बीच राज्य के प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया ने सभी मंत्रियों और नेताओं के लिए एक गाइडलाइन जारी करते हुए निर्देश दिए थे कि कोई भी नेता और मंत्री पार्टी से जुड़ी बात पार्टी स्तर पर ही उठाए और इसके लिए मीडिया का सहारा न ले.
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