अब चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर दिग्विजय सिंह ने उठाए सवाल

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने चुनाव आयोग द्वारा राज्य के आईपीएस अफसरों के खिलाफ प्रकरण दर्ज करने के निर्देश दिए जाने पर सवाल उठाए हैं.

author-image
Nihar Saxena
New Update
Digvijay Singh

चुनाव आयोग की निष्पक्षता को संदिग्ध बताया दिग्विजय सिंह ने.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

Advertisment

मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने चुनाव आयोग द्वारा राज्य के आईपीएस अफसरों के खिलाफ प्रकरण दर्ज करने के निर्देश दिए जाने पर सवाल उठाए हैं. उनका कहना है कि इस निर्देश से चुनाव आयोग की निष्पक्षता संदेह से परे नहीं लगती. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में कमल नाथ की सरकार के दौरान जिन आईपीएस अफसरों ने ई-टेंडरिंग घोटाले का खुलासा था उनके खिलाफ मामला दर्ज किए जाने के चुनाव आयोग ने निर्देश दिए हैं. इस पर दुख है.

पूर्व मुख्यमंत्री सिंह ने आगे कहा कि चुनाव आयोग को निष्पक्षता से काम करना चाहिए, क्योंकि किसी भी अच्छे प्रजातांत्रिक व्यवस्था में केंद्रीय चुनाव आयोग की निष्पक्षता 'बियोंड डाउट' होनी चाहिए. इस मामले में नहीं लगता कि बियोंड डाउट है, क्योंकि उन्होंने उन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया है, जिनका चुनाव कंडक्ट कराने से कोई लेना-देना ही नहीं है. चुनाव कैसे होना है, वहीं तक चुनाव आयेाग की सीमाएं हैं. किस अधिकारी का भ्रष्टाचार का प्रकरण है, उस पर किसी तरह का निर्देश देने का उनका अधिकार नहीं है.

पूर्व मुख्यमंत्री सिंह ने आगे कहा, 'मैं चुनाव आयोग से अनुरोध करूंगा कि अपनी निष्पक्षता पर संदेह नहीं होना चाहिए, लेकिन अगर इस तरह के आदेश होंगे तो संदेह होगा.' पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने 2013 में विभिन्न स्थानों पर आयकर विभाग के छापों में सामने आए कई नामों का हवाला दिया। साथ ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के करीबी अधिकारी नीरज वशिष्ठ पर तो खुलकर आरोप लगाए. साथ ही मांग की है कि अगर आईपीएस अफसरों पर मामला दर्ज होता है तो वशिष्ठ पर भी प्रकरण दर्ज किया जाना चाहिए.

इतना ही नहीं, पूर्व मुख्यमंत्री सिंह ने अपरोक्ष रूप से पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ को भी एक नियुक्ति के लिए घेर दिया. उन्होंने कहा कि वशिष्ठ प्रथम श्रेणी के अधिकारी हैं और मुख्यमंत्री चौहान के निजी स्टाफ में तब भी रहे जब वे पूर्व मुख्यमंत्री थे. वशिष्ठ की तत्कालीन मुख्यमंत्री कमल नाथ ने चौहान के अनुरोध पर निजी स्टाफ में नियुक्ति की थी जो नियम विरुद्ध थी. मैं भी पूर्व मुख्यमंत्री हूं, मगर मेरे स्टाफ में कोई प्रथम श्रेणी का अधिकारी नहीं है.'

ज्ञात हो कि 2019 में हुए लोकसभा के चुनाव से पहले आयकर विभाग ने भोपाल में कई स्थानों पर छापे मारे थे. ये छापे भोपाल, दिल्ली सहित 52 स्थानों पर छापे पड़े थे. इनमें कमल नाथ के कई करीबी शामिल थे. इन छापों में 93 करोड़ के लेन-देन के दस्तावेज और चार करोड़ की बरामदगी हुई थी. इस मामले को लेकर सीबीडीटी की रिपोर्ट के आधार पर चुनाव आयोग ने राज्य सरकार को निर्देश दिए हैं कि इस मामले में जो तीन आईपीएस अफसरों पर मामला दर्ज किया जाए. वहीं तत्कालीन कई मंत्रियों और अफसरों पर भी कार्रवाई संभावित है.

Source :

Shivraj Singh Chouhan चुनाव आयोग Digvijay Singh Kamal Nath दिग्विजय सिंह IPS Officers सीएम शिवराज सिंह चौहान Election Commision आईपीएस प्रकरण मध्य प्रदेश राजनीति कमल ऩाथ
Advertisment
Advertisment
Advertisment