तीनों कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का आंदोलन जारी है. दिल्ली की सीमाओं पर किसान डटे हैं, लेकिन उनका अब कोई नेतृत्व नहीं है. मंगलवार को किसानों ने ट्रैक्टर परेड के दौरान दिल्ली में खूब बवाल मचाया. सबसे शर्मनाक बात ये थी कि दंगाई किसानों ने लाल किले के प्राचीर पर चढ़कर एक विशेष संगठन का झंडा लगा दिया. इस दौरान किसानों और पुलिस के बीच झड़प भी हुई. इस मामले में पुलिस ने किसान नेता राकेश टिकैत, योगेंद्र यादव समेत 26 लोगों पर FIR दर्ज की है. इसे लेकर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है.
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि किसान और पुलिस के बीच तीन रूटों से ट्रैक्टर रैली निकलने पर सहमति बनी थी. सिंघु बार्डर, टिकरी बार्डर और गाजीपुर बार्डर से ट्रैक्टर रैली निकलनी थी. सिंघु बार्डर, टिकरी बार्डर पर ट्रैक्टर रैली के दौरान कोई दिक्कत नहीं हुई. गाजीपुर बार्डर पर इसलिए दिक्कत हुई, क्योंकि दिल्ली पुलिस ने जो रूट दिया उसे उन्होंने बदल दिया और वहां बैरियर लगा दिए.
दिग्विजय सिंह ने कहा कि किसानों ने इन रूटों को खोलने के लिए कहा तो इस पर पुलिस ने टियर गैस और लाठी-डंडे चलाए. उससे विवाद बढ़ा और वहीं कारण बना. आपने देखा होगा जो लोग पछले दो महीने से सत्याग्रह कर रहे हैं, वे हिंसक नहीं हो सकते हैं. इसमें कौन लोग शामिल हो गए.
उन्होंने आगे कहा कि किसानों ने 15 लोगों को पकड़कर दिल्ली पुलिस को दिए हैं, उनका नाम उजागर होना चाहिए. उन लोगों को सरकारी मुजालिम होने का अधिकार मिला है. अब आप समझ लिजिए सरकार किसकी है. एक शांतिपूर्ण आंदोलन को गलत रास्ते में दिखाने का ये सुनियोजित, प्रयोजित षड्यंत्र था.
Source : News Nation Bureau