दतिया के रतनगढ़ मंदिर पर मंगलवार को सर्पदंश के पीड़ितों और श्रद्धालुओं का मेला लगा. बुंदेलखंड के इस सबसे बड़े मेले में दोपहर तक 20 लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंचे. लेकिन इस मेले में सबसे खास बात ये रही कि सर्पदंश पीड़ितों की झाड़-फूंक जिला प्रशासन के अधिकारियों ने की. रतनगढ़ मंदिर पर सर्पदंश पीड़ितों और श्रद्धालुओं का हर साल भाई दूज के मौके पर मेला लगता है. इस सबसे बड़े मेले में दोपहर तक 20 लाख से अधिक श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचे. इनमें कई सर्पदंश पीड़ित भी आए.
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मान्यता है कि अगर किसी व्यक्ति को सांप काट ले और अगर उस व्यक्ति के उस अंग पर जहां सांप ने काटा है वहां माता रतनगढ़ के नाम पर धागा बांध लिया जाए तो जहर का असर नहीं होगा. लेकिन इसमें शर्त यह है कि सर्पदंश से पीड़ित व्यक्ति को भाई-दबज वाले दिन बंध कटवाने के लिए रतनगढ़ मंदिर आना पड़ेगा.
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लोगों का कहना है कि सर्पदंश से पीड़ित व्यक्ति जैसे ही मंदिर के पहले बहने वाली नदी पार करता है वैसे ही पीड़ित व्यक्ति को बेहोशी सी आने लगती है. मंदिर पर माता के भाई कुंवर बाबा के नाम से झाड़ फूंक करने पर पीड़ित पूरी तरह से ठीक हो जाता है.
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मान्यता यह भी है कि भैया दूज के दिन माता के दर्शन करने और मन्नत मांगने पर हर मन्नत पूरी हो जाती है. इस मेले से जुड़ी खास बात यह रही कि पीड़ितों की झाड़ फूंक किसी और इंसान ने नहीं कि बल्कि जिला प्रशासन के अधिकारियों ने की.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो