पश्चिम बंगाल में डॉक्टर्स पर हुए हमले का विरोध तेज होते जा रहा है. पहले देशभर के मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टर्स ने शुक्रवार को ओपीडी का बहिष्कार किया. अब इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आएमए) के बैनर तले देशभर के निजी अस्पताल आज से 24 घंटे के लिए बंद किए गए हैं. सिर्फ इमरजेंसी सेवाएं, कैजुअल्टी सेवाएं चलेंगी. मध्य प्रदेश में भी हफ्ते में 2 दिन डॉक्टर की हड़ताल होने से मरीजों की परेशानियां और बढ़ गई हैं. किसी का ऑपरेशन नहीं हो पा रहा तो कोई इलाज के लिए भटक रहा है. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, सीनियर और जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर के हड़ताल पर होने से मरीज बेहद परेशान हैं.
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मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल से हालात बेहद खराब हैं. OPD में आने वाले मरीजों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. डॉक्टरों की हड़ताल का असर जबलपुर के नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज में भी देखने को मिला. यहां तमाम जूनियर डॉक्टर्स और सीनियर डॉक्टर हड़ताल पर हैं. ओपीडी पूरी तरीके से बंद कर दी गई है. जिसकी वजह से दूरदराज से आने वाले मरीजों को खासा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
वहीं इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के देशव्यापी हड़ताल के बाद इंदौर में आज सभी सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों की छुट्टी रद्द कर दी गई है. इसके अलावा ओपीडी का भी समय 2 घंटे बढ़ाया गया है. इस संबंध में CMHO ने सभी प्रभारियों को निर्देश दिए हैं. मुरैना में भी जिला स्वास्थ्य विभाग ने सभी शासकीय चिकित्सालय में अन्य वर्ग के चिकित्सकों को दायित्व सौंपा है. जबकि सुरक्षा व्यवस्था के लिए सभी चिकित्सालयों में पुलिस बल तैनात किया गया है.
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ग्वालियर में भी डॉक्टर हड़ताल पर हैं. आज की हड़ताल बड़ी है, इसलिए मरीजों की परेशानी और भी ज्यादा बढ़ गई है. जूनियर डॉक्टर के साथ मेडिकल टीचर एसोसिएशन और निजी अस्पताल के डॉक्टर भी शामिल हैं. इनकी मांग है कि जिस तरह से बंगाल में डॉक्टर पर हमला हुआ उसको लेकर अब एक ठोस कदम उठाया जाना चाहिए.
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