परसवाड़ा मुख्यालय से करीब 10 किलोमीटर दूर स्थित झालीटोला के जंगल की ओर से एक नर सांभर गांव के अंदर भागते हुए आया. इसके पीछे गांव के कुत्ते दौड़ रहे थे, कुत्तों को हमला करते देख, ग्रामीणों ने दौड़कर उसकी की जान कुत्तों से बचाई, सांभर के गांव में आने की खबर फैलते ही पूरे क्षेत्र के लोग सैकड़ों की संख्या में इकटठे होकर उसे देखने पहुंचने लगे, थका और बदहवास सा होकर सांभर एक जगह बैठ गया, उसके चारों ओर लोगों का हुजूम लग गया, इस बीच ग्रामीणों द्वारा वनविभाग की टीम को खबर दी गई.
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वन विभाग द्वारा लोगों की संख्या देखकर किसी प्रकार से भीड़ से दूर लेजाकर उक्त सांभर को छोड़ने का प्रयास किया गया, परन्तू उसने लोटमारा जंगल के समीप ही दम तोड़ दिया. गांव वालों की मानें तो गांव के बाहर जो उनके खेत है, उनसे ही नजदीक शासकीय वन लगे हुए हैं, जिसमें वन्यजीवों की भरमार है, जो खेत में लगी फसल को खाने के लिए बार बार गांव के समीप आ जाते हैं, गांव के कुत्तों की नजर पड़ने पर वन्यजीव इधर उधर भागते हुए गांव के अंदर तक घुस जाते हैं, और दुर्घटना के शिकार हो जाते हैं.
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वन विभाग से सहायक वनपरिक्षेत्राधिकारी सुरेन्द्र गुप्ता ने बताया कि ग्रामीणों से दूर , जंगल की ओर उक्त नर सांभर बारह सिंघा को ले जाने का प्रयास किया गया, परन्तू कुछ ही दूर जाने के बाद उसने दम तोड़ दिया, उम्रदराज और बीमारीयों से ग्रसित उक्त सांभर की मौत डाक्टर द्वारा दम घुटने से होना बताया जा रहा है.
Source : News Nation Bureau