मध्य प्रदेश में मंत्रियों के बदले जाने की चर्चा पर भले ही मुख्यमंत्री कमलनाथ विराम लगा चुके हैं, मगर कई मंत्री अब भी सशंकित हैं. मंत्रिमंडल में बदलाव की चर्चाओं के बीच ज्योतिरादित्य सिंधिया से करीबी नाता रखने वाले मंत्री बेचैन हैं. सिंधिया समर्थक एक और मंत्री का शुक्रवार को दर्द छलका है. भोपाल स्थित प्रशासनिक अकादमी में उमंग मॉड्यूल मोबाइल एप लांच कार्यक्रम में स्कूल शिक्षा मंत्री प्रभुराम चौधरी भावुक हो गए. इस दौरान उन्होंने कहा कि मेरा भरोसा नहीं है कि मैं कब तक रहूं. बाकियों का भी भरोसा नहीं है। आप लोगों को तो विभाग में ही आगे तक काम करना है.
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हालांकि प्रभुराम चौधरी ने बाद में सफाई देते हुए कहा कि मेरे कहने का मतलब यह था कि राजनीति में कोई स्थाई नहीं होता. मंत्री पांच साल रहेंगे, लेकिन विभागीय अधिकारी तो विभाग में हमेशा रहेंगे तो उन्हें तो वहीं काम करना है. उल्लेखनीय है कि सिंधिया समर्थक मंत्रियों की डिनर डिप्लोमेसी के बाद कैबिनेट की बैठक में खाद्य मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर का दर्द झलका था और उन्होंने दो टूक कह दिया था कि ‘सीएम साहब हमारी‘ भी सुनना पड़ेगा.
बता दें कि राज्य में लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली हार के बाद से मंत्रियों के विभाग बदले जाने के साथ 6 मंत्रियों को मंत्रिमंडल से बाहर किए जाने की चर्चा जोरों पर हैं. हालांकि इन कयासों पर हाल ही में सीएम कमलनाथ ने यह कहकर विराम लगा दिया ता कि उनकी राज्यपाल आनंदी बेन पटेल से मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई.
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गौरतलब है कि राज्य सरकार गैर कांग्रेसी विधायकों के समर्थन से चल रही है. क्योंकि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को बहुमत नहीं मिल पाया था. कुल 114 विधायकों के साथ कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर भले ही उभरी थी, लेकिन पूर्ण बहुमत न मिलने पर कांग्रेस को बसपा के दो, सपा के एक और चार निर्दलीय विधायकों का समर्थन दिया था. जब जाकर राज्य में कांग्रेस की सरकार बन पाई.
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प्रभुराम चौधरी