भारत में महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए लाख प्रयास किए जा रहे हैं, फिर भी महिलाओं का शोषण आज भी जारी है. ऐसा ही एक मामला है रायसेन जिले की सिलवांनी जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत डाबरी पिपलिया कलां का है. जहां महिला सरपंच बटों बाई की जगह गांव का ही एक दबंग पूरी पंचायत को चला रहा है. पूरे पंचायत बासियों को यही पता है कि हमारे रोजगार सहायक सर्वेश खरे हैं. हकीकत में सर्वेश खरे गांव का एक दबंग है. इसके पिता पूर्व सरपंच है. सर्वेश खरे पिछले 5 साल से डाबरी पंचायत को चला रहा है और आपको यहा जानकर हैरत होगी कि सर्वेश खरे जनपद पंचायत सिलवानी में कार्यपालन अधिकारी के लिए कंप्यूटर ऑपरेटर का काम भी करते हैं.
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इसके अलावा निर्वाचित सरपंच अपने पूरे कार्यकाल में जनपद पंचायत नहीं गईं न ही किसी मीटिंग में उन्हें बुलाया गया. इस पंचायत के सचिव रोजगार सहायक कौन है लोग नही जानते. वह गांव के दबंग सर्वेश नामक युवक को ही सरपंच सचिव रोजगार सहायक बताते हैं. अगर यह कहा जाए कि जनपद पंचायत के अधिकारियो की मिलीभगत से पंचायत ठेके पर पिछले पांच साल से चल रही है तो गलत नहीं होगा. सरपंच को यह भी नहीं मालूम कि पिछले 5 साल में एक बार भी कभी जनपद पंचायत गई हो या उसने कभी किसी मस्टररोल पर हस्ताक्षर किए हो जबकि लाखों रुपये की राशि निकाल ली गयी है तो किसके हस्ताक्षर से ?
वहीं जब इस बारे में कार्यपालन अधिकारी अशोक कुमार उइके से बात की तो उनका कहना है कि आप के माध्यम से मुझे जानकारी मिली है अगर महिला सरपंच शिकायत करती हैं तो कार्रवाई होगी. दूसरी ओर गांव में स्वछता अभियान के तहत भी जो शौचालय बनाये गए हैं उनमें न दरवाजे है न छत. यहां तक कि गटर न बनने से यह चालू भी नहीं किये गए. मजबूरन ग्रामीण शौच के लिए बाहर जाते हैं.
Source : Deepak Kankar